बिहार की 8 सीटों पर 1.62 करोड़ वोटर्स; दिग्गज के भविष्य का फैसला
Bihar Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में बिहार के पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, जहानाबाद, नालंदा, काराकाट और सासाराम सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में एक केंद्रीय मंत्री एवं अन्य प्रतिष्ठित उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीन में संग्रहीत हो जाएगी।
इस चरण के लिए बिहार में चुनावी माहौल तेज हो चुका है। पटना साहिब से भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और आईएनडीआईए से कांग्रेस के डॉ. अंशुल अविजित के बीच मुकाबला तेज है। वहीं, पाटलिपुत्र से राजद की मीसा भारती और भाजपा के रामकृपाल यादव के बीच भी महसूस किया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से महागठबंधन की तरफ से माले ने पटना के पालीगंज से विधायक संदीप सौरभ को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, जदयू ने वापसी के सीटिंग सांसद पर भरोसा जताया है। यह चरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह निर्णायक हो सकता है बिहार के राजनीतिक मंच के लिए। इन सीटों पर होने वाले मतदान से आने वाला परिणाम बिहार की राजनीतिक दिशा तय कर सकता है और राजनीतिक पार्टियों की रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।
इस चरण में बिहार के विभिन्न सीटों पर चुनावी रोमांच तेज हो रहा है। जहानाबाद से राजद के सुरेन्द्र यादव और जदयू से चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के बीच भी टक्कर दिख रही है। आरा से भाजपा के आरके सिंह और माले से सुदामा प्रसाद के बीच मुकाबला भी रोमांचक होने की संभावना है। बक्सर से राजद ने सुधाकर सिंह और भाजपा ने मिथिलेश तिवारी को उतारा है, जिससे यहाँ भी तीव्र मुकाबला देखने को मिलेगा। काराकाट में भी पवन सिंह और आरएलएम से उपेन्द्र कुशवाहा के बीच तीव्र युद्ध दिख रहा है, जिसे देखकर चरण की हॉट सीट के रूप में माना जा रहा है। सासाराम में भाजपा ने शिवेश राम को उम्मीदवार बनाया है, जो भी महत्वपूर्ण है। इस चरण के चुनाव नतीजे बिहार की राजनीतिक दिशा को मोड़ सकते हैं और पार्टियों की रणनीतियों पर असर डाल सकते हैं। इस दौर में होने वाले मतदान से बिहार की राजनीतिक दलीलें बदल सकती हैं।
लोकसभा चुनाव में वोटर आइडी कार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटो युक्त वोटर आइ कार्ड की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, वोट कार्ड के न होने की स्थिति में भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा। चुनाव आयोग ने वोटर आइडी के अलावा भी 12 अन्य फोटोयुक्त पहचान पत्रों की सूची जारी की है, जिनका उपयोग मतदान के लिए किया जा सकता है। इससे वह लोग भी मतदान कर सकते हैं जिनके पास वोटर आइडी कार्ड नहीं है। यह उन लोगों के लिए बड़ी सुविधा होगी जो किसी कारणवश वोटर आइडी कार्ड नहीं बनवा पाए हैं। चुनाव आयोग के इस कदम से, सभी नागरिकों को विकल्प मिलेगा अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए, जिससे चुनावी प्रक्रिया में सामाजिक समानता को मजबूती मिलेगी। इस उपाय से, समाज में लोकतांत्रिक मूल्यों की गहराई से समर्थन किया जाएगा।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शनिवार को सुबह पौने आठ बजे अपने मताधिकार का प्रयोग किये। वे राजभवन परिसर में स्थापित राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए बूथ पर हुआ मतदान। इस समाचार को राजभवन सचिवालय के आधिकारिक सूत्रों ने जारी किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्यपाल के नागरिक दायित्वों की प्राथमिकता को दर्शाता है। उनके मताधिकार का प्रयोग कर उन्होंने सामाजिक संजाल के अंतर्गत नागरिकों के साथ संवाद को प्रोत्साहित किया है। इस सार्वजनिक कार्य में उनका योगदान लोकतंत्र के मूल्यों की प्रकाश में महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा मतदान करने से सामाजिक उत्तरदायित्व और सहभागिता की भावना बढ़ेगी। यह एक प्रेरणास्पद कदम है जो लोकतंत्र की स्थिरता को बढ़ावा देगा।