भगवान अहीर का अजब है जलवा
Bollywood Movie Review - 1922 Pratikaar Chauri Chaura
Bollywood Movie Reviews 1922 Pratikaar Chauri Chaura IMDM Review Cast - Ravi Kishan, Anil Nagrath, Pawan Pandey, Ashok Banthia, Mamta Jeetwani, Sapna Trivedi Director - Abhik Bhanu Runtime 1 hour 51 minutes RATING 2/5 GAAM GHAR News
Entertainment / Bollywood Movie Reviews : 1922 की चौरी चौरा घटना भारतीय इतिहास में मिल का पत्थर है लेकिन आज तक इससे पहले कभी इस विषय पर कोई फिल्म नहीं बनी । अभिषेक भानु ने इस घटना के 100साल बाद इतनी महत्वपूर्ण विषय पर पहली बार 1922 प्रत्कार चौरी चौरा के नाम से फिल्म बनाई है । फिल्म का मुख्य किरदार भगवान अहीर यानी रवि किशन ने पूरी कोशिश की कि फिल्म की नैया को किसी तरह पार लगा दें ।
लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन का भटकाव बार बार देखने को मिलता है एक क्रांतिकारी में जो जोश जो जुनून होता है वो पूरी फिल्म में कुछ दृश्य में ही देखने को मिलता है । फिल्म के निर्देशक अभिषेक भानु ने फिल्म को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन कमजोर पटकथा को वजह से अभिषेक भानु सफल नही हो पाए । हो सकता है अभिषेक भानु फिल्म को सौ प्रतिशत वास्तविक रखने की कोशिश की हो अगर ऐसा है तो अभिषेक भानु इसमें कुछ हद तक सफल रहे फिल्म में कॉस्ट्यूम भी उस स्तर का नहीं दिखा जिससे लगता कि फिल्म वाकई 1922 के परिदृश्य को ध्यान में रख कर बनाया गया है ।
फिल्म की कहानी इतनी धीमी है कि शुरुआत में दर्शक बहुत ज्यादा ऊब जाते हैं और भगवान अहीर यानी रवि किशन की अच्छी अदाकारी भी इसकी भरपाई नहीं कर पाती है । अगर पटकथा को छोड़ दें तो सेनेमेटोग्राफ ने बेहतरीन काम किया है । कैमरे के द्वारा फिल्म की कमियों को ढकने की पुती कोशिश की गई है इसके साथ फिल्म एडिटर ने भी फिल्म को वास्तविक रखने के लिए एड़ी चोटी का दम लगा दिया है जो कबीले तारीफ है और दृश्यों को इस तरह रखा है की दर्शकों को पता नहीं चले कि कहां कमी रह गई अगर फिल्म की कहानी पर मेहनत हुई होती तो भगवान अहीर यानी रवि किशन की मेहनत की मेहनत पूरी रंग लाती और 1922 प्रतिकार चौरी चौरा एक शानदार फिल्म होती ।
रवि किशन ने शानदार अभिनय किया है लेकिन पटकथा में ही दम नहीं था ठीक ऐसा ही फिल्म निर्देशक अभिषेक भानु के साथ ही हुआ उन्होंने बार बार फिल्म की रफ्तार को पकड़ा लेकिन पटकथा की वजह से फिल्म इनके पकड़ से बाहर चली गई । फिल्म में कुछ बातें जो बहुत महत्वपूर्ण है वो ये कि फिल्म के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश दिया गया है और भारतीय इतिहास में चौरा चौरी का क्या महत्व है ये फिल्म इस बात को पूरी तरह दर्शाती है ।
1922 प्रतिकार चौरी चौरा, चौरी चौरा की निर्दोष भारतीय जनता की निर्मम हत्या की वास्तविक घटना पर आधारित फिल्म है इसलिए दर्शकों को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए । फिल्म रिव्यू की बात करें तो फिल्म को 2 स्टार मिलना चाहिए. (This review is featured in IMDb Critics Reviews)