छठ पूजा : बिहार में इस वर्ष छठ पूजा के अवसर पर सरकारी विद्यालयों में नहाय-खाय और खरना के दिन स्कूल खुले रहेंगे। यह निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा 2024 के लिए जारी अवकाश तालिका के आधार पर लिया गया है। इस फैसले का शिक्षक संघों ने कड़ा विरोध किया है, विशेषकर महिला शिक्षिकाएं इससे प्रभावित हैं।
महिला शिक्षिकाओं की समस्याओं को लेकर शिक्षक संघों का कहना है कि कई महिला शिक्षक खुद छठ पूजा करती हैं। इस महापर्व की तैयारी और पूजा के लिए पर्याप्त समय न मिलने के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल खुले रहने से महिला शिक्षकों के लिए परिवार और पूजा के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो जाएगा।
समस्तीपुर के शिक्षक नेता अनंत राय ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दीपावली पर केवल एक दिन की छुट्टी दी गई है, जो घर से दूर पदस्थापित शिक्षकों के लिए अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने में चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले दीपावली से छठ तक के लिए लगातार छुट्टी मिलती थी, लेकिन इस बार 2024 में ऐसा नहीं हुआ है। यह स्थिति खासकर महिला शिक्षकों के लिए कठिन हो गई है, क्योंकि छठ पर्व में उनकी भागीदारी और भूमिका अधिक होती है।
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वर्ष 2024 के अवकाश तालिका के अनुसार, छठ पर्व के लिए सात, आठ और नौ नवंबर को छुट्टी दी गई है। जबकि छठ पर्व की शुरुआत पांच नवंबर को नहाय-खाय से होती है और छह नवंबर को खरना मनाया जाता है। इन दोनों दिनों में भी सरकारी स्कूल खुले रहने के कारण शिक्षकों में नाराजगी है।
शिक्षक संघों ने राज्य सरकार से अवकाश तालिका में संशोधन की मांग की है, ताकि छठ पूजा के सभी महत्वपूर्ण दिनों पर शिक्षकों को छुट्टी मिल सके। संघ का कहना है कि यह फैसला छठ पर्व की धार्मिक भावना और शिक्षकों की पारिवारिक जिम्मेदारियों को समझकर लिया जाना चाहिए।