समस्तीपुर: जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में मोहनपुर प्रखंड के बघड़ा गांव में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के हक, न्यायपूर्ण जीवन सहित किशोरियों के साथ सम्मानपूर्ण जीवन के लिए संवाद किया गया। संवाद कार्यक्रम के दौरान आस पास बच्चों किशोरियों के साथ होने वाले शारीरिक हिंसा, दूर्व्यपार, यौन हिंसा, बाल विवाह, बाल श्रम जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक बुराई को दूर करने पर बल दिया गया।
जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र की कार्यकर्ता संगीता कुमारी, स्थानीय किशोरी पंचायत की सदस्य कोमल, रानी, बबीता सहित ग्राम विकास समिति की महिला साथी मीना देवी, सविता देवी, आरती कुमारी, गीता देवी नें बताया कि हम मजदूर परिवारों को इज्जत से गुजर बसर करना कठिन है। हमारी बच्चियाँ घर से लेकर खेत खलिहान तक असुरक्षित है। हम सब इन्हीं कारणों से कम उम्र में शादी कर देना उचित समझते हैं। रोजी रोजगार के प्रयाप्त और नियमित साधन नहीं रहने के कारण हमारे बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हो जाते हैं। विगत दो सालों से लॉकडाऊन के कारण और स्कूल बंद रहने के कारण हमारे घरों में भी जाने अनजाने बच्चों के साथ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की सपोर्ट पर्सन दीप्ति कुमारी नें बताया कि गंगा के सुदूर दियरा इलाकों में बालिकाओं के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा से बचाव के लिए चाइल्ड लाईन नि:शुल्क राष्ट्रीय फोन सेवा 1098 पर सूचित करने अथवा स्थानीय आंगनवाड़ी केन्द्र, बाल संरक्षण समिति के पास जाने की अपील की।
वहीं पर दलित चेतना विकास समिति के सचिव विश्वनाथ राम नें बताया कि जिला मुख्यालय से काफी दूर गंगा किनारे बसे परिवारों के बच्चों की जिंदगी हमेशा खतरों से घिरा रहता है। स्थानीय सामंत प्रवृति के दबंग यौनिक हिंसा के साथ मार पीट भी करते रहते हैं। इसके लिए गांव स्तर पर सघन अभियान चलाने की आवश्यकता है। जल श्रमिक संघ के संयोजक फुच्चीलाल साहनी नें बताया कि उनके इलाके में दलित वंचित परिवार सहित मछुआरा समुदाय का अधिकांश किशोर-किशोरी नशा का शिकार हो जाता है, जिसकी वजह से भी इनके साथ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
हमें इन नौनिहालों को उनके खुशहाल जीवन के लिए आंगनवाड़ी केन्द्र तथा स्कुल से जुड़ाव करना बहुत हीं जरुरी है। बघड़ा पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया रणवीर राय नें कहा कि हम अपने पंचायत को बाल श्रम मुक्त बनायेंगे तथा गाँव स्तरीय व वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति को सशक्त करेंगे, तभी जाकर बच्चों के साथ होने वाला हिंसा रुक पाएगा।