सहरसा : मैथिली भाषा के विकास संरक्षण एवं संवर्द्धन को लेकर मैथिली विकास कोष के तत्वावधान मे जनकपुर साहित्य कला नाट्य महोत्सव का आयोजन किया गया। मैथिली विकास कोष के अध्यक्ष जीवनाथ चौधरी एवं नवीन मिश्र ने बताया मिथिला को कमजोर करने के लिए अंग्रेजो ने कुटिल नीति से इसे सुगौली संधि के तहत दो भागो मे विभक्त कर दिया गया।
भले ही भौगोलिक दृष्टिकोण से सीमा को विभक्त कर दिया गया।लेकिन साहित्य कला नाट्य रीति-रिवाज परम्मरा संस्कृति तो सदैव अविभक्त है। इसलिए भारत और नेपाल मे बंटे मिथिला मे बसे साहित्यकार सीमा से परे एकाकार होकर सम्मलित रूप से मिथिला मैथिली के विकास के लिए कृत संकल्पित है।उसी को ध्यान केंद्रित करते हुए सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया,दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी सहित अन्य जिलो से साहित्यकार कलाकारो ने इस कार्यक्रम मे भाग लिया।
उसी कड़ी मे सहरसा जिले के कहरा पतरघट निवासी मैथिल गायक संदीप कश्यप ने भी अपने गायकी से दर्शको का मन मोह लिया।उन्होने कहा कि मिथिला विकास कोष द्वारा मैथिली भाषा के विकास के लिए बेहतर कार्य कर रहे है।यह कार्यक्रम काफी सफल रहा।इस कार्यक्रम मे साहित्य कला एवं एक से बढ़कर एक प्रस्तुति की गई। ज्ञात हो कि कश्यप के द्वारा मैथिली एवं भोजपुरी मे दर्जनो सीडी कैसेट एवं एल्बम का निर्माण किया गया है।वही उनके द्वारा मिथिलांचल, नेपाल,दिल्ली, मुंबई सहित अन्य भागो के ख्यातिप्राप्त मंचो पर अपनी प्रस्तुतीकरण दे चुके है। इसके साथ ही उन्हे अबतक कई लब्धप्रतिष्ठत संस्थाओ ने मेडल,प्रशस्तिपत्र एवं नकद पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है।