मधुबनी: श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के नेतृत्व में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु मधुबनी नगर निगम एवं सदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया । श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है । इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा । इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा ।
आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, अनूप कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, चाइल्डलाइन के सदस्य हरि प्रसाद, पुलिस अवर निरीक्षक सुनील कुमार महतो एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पुलिसकर्मी शामिल थे । धावा दल टीम के द्वारा द्वारा आज मधुबनी नगर निगम क्षेत्र एवं सदर अनुमंडल स्थित विभिन्न दुकानो एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच की गई ।
जांच के क्रम में प्रतिष्ठान: जायसवाल किराना, शंकर चौक से एक बाल श्रमिक तथा रोहिणी पेट्रोल पंप , गोशाला रोड मधुबनी से एक बाल श्रमिक कुल दो बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया । विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह , मधुबनी में रखा गया है । बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध नगर थाना, मधुबनी में प्राथमिकी दर्ज की गई है । तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया तथा सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर से संबंधित स्टीकर भी चिपकाया गया ।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी शहर के साथ साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी संचालित की जाएगी तथा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवम बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।