लाइफटाइम अचीवमेंट ऑस्कर पाने वाले एकमात्र भारतीय महान फिल्मकार सत्यजीत रे
सत्यजीत रे जिनके पास खुद चलकर आया था ऑस्कर, पत्नी के गहने बेचकर बनाई थी पहली फिल्म
PATNA: आज के दिन महानतम फिल्मकारों में शुमार सत्यजीत रे का 1992 में कोलकाता में निधन हुआ था। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऑस्कर कमेटी ने लाइफटाइम अचीवमेंट का ऑस्कर पुरस्कार कोलकाता में उनके घर आकर दिया था। लाइफटाइम अचीवमेंट ऑस्कर पाने वाले सत्यजीत पहले और एकमात्र भारतीय हैं। सत्यजीत खुद में एक चलता-फिरता सिनेमा थे। आइए आज उन्हें याद करते हुए उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से जान लेते हैं-
बचपन मुश्किलों में गुजरा
2 मई 1921 को कोलकाता में जन्मे सत्यजीत रे का शुरुआती जीवन कठिनाइयों में बीता। सत्यजीत रे महज तीन साल के थे, उनके पिता की मौत हो गई थी। उनकी मां सुप्रभा ने तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए उनका पालन-पोषण किया। सत्यजीत रे प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में BA किया और आगे की पढ़ाई के लिए शांति निकेतन गए। शांति निकेतन में 5 साल रहने के बाद वह 1943 में कोलकाता लौटे। शुरुआत में उन्होंने विज्ञापन एजेंसी में बतौर जूनियर विजुलाइजर काम किया।
पहली फिल्म बनाने के लिए गिरवी रखने पड़े थे पत्नी के गहने
1950 में कंपनी के काम से वह लंदन गए और वहां उन्हें कई फिल्में देखने का अवसर मिला। इनमें एक अंग्रेजी फिल्म ‘बाइसिकल थीव्स’ भी थी। इसकी कहानी से रे इस कदर प्रभावित हुए कि भारत लौटते ही एक नौसिखिया टीम लेकर 1952 में अपनी पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ की शूटिंग शुरू कर दी। उस समय एक नए फिल्मकार पर कोई पैसा लगाने के लिए कोई तैयार नहीं था। साल 1952 में सत्यजीत ने बिल्कुल नई टीम के साथ फिल्म की शूटिंग शुरू की। इसे बनाने के लिए सत्यजीत ने अपने सभी पैसे लगा दिए साथ ही पत्नी के गहने तक बेच दिए थे। आखिरी में पश्चिम बंगाल सरकार ने उनकी मदद की और 1955 में ‘पाथेर पांचाली’ परदे पर रिलीज हो पाई। ‘पाथेर पांचाली’ ने कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कार जीते, जिनमें फ्रांस के कांस फिल्म फेस्टिवल में मिला विशेष पुरस्कार बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट भी शामिल है। 1992 में सत्यजीत रे को ऑस्कर देने की घोषणा की गई थी लेकिन उस वक्त वह बीमार चल रहे थे और सम्मान प्राप्त करने नहीं जा सके। ऐसे में ऑस्कर के पदाधिकारियों ने फैसला लिया कि यह अवॉर्ड उनके पास पहुंचाया जाएगा। पदाधिकारियों की टीम कोलकाता में सत्यजीत रे के घर पहुंची और उन्हें अवॉर्ड से नवाजा गया। अवॉर्ड मिलने के एक महीने के अंदर ही सत्यजीत रे को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया।
फिल्म निर्माण के हर क्षेत्र में माहिर थे सत्यजीत
सत्यजीत रे फिल्म निर्माण से जुड़े हर काम में माहिर थे। फिर चाहे वह स्क्रीनप्ले हो या कास्टिंग, म्यूजिक, आर्ट डायरेक्शन, एडिटिंग, वह हर विधा में माहिर थे। फिल्मकार होने के साथ-साथ वे कहानीकार, चित्रकार और फिल्म आलोचक भी थे। सत्यजीत रे की बच्चों पर बनाई फिल्मों पर भी अच्छी पकड़ थी। उनकी बच्चों के लिए बनाई गई फेलूदा सीरीज इसका उदाहरण है।
36 फिल्में, 32 राष्ट्रीय पुरस्कार
सत्यजीत रे कितने शानदार फिल्मकार थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कुल 36 फिल्मों का डायरेक्शन किया था, जिनमें से 32 को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उनकी फिल्मों को विदेश में भी कई सम्मान मिले।
1978 में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की संचालक समिति ने उन्हें विश्व के तीन सर्वकालिक महान निर्देशकों में से एक चुना था। 1985 में उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
1992 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट ऑस्कर और भारत रत्न दोनों मिले थे। 23 अप्रैल 1992 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया था।
यूट्यूब पर अपलोड हुआ था पहला वीडियो
आज ही के दिन साल 2005 में यूट्यूब पर सबसे पहला वीडियो अपलोड किया गया था। यूट्यूब पर अपलोड होने वाले पहले वीडियो का शीर्षक था ‘Me at the Zoo‘ और इसे यूट्यूब के को-फाउंडर जावेद करीम ने अपलोड किया था। 18 सेकंड के इस वीडियो को जावेद के दोस्त याकोव लापित्स्की ने रिकॉर्ड किया था। इस वीडियो को अब तक 16 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है। यह वीडियो सैन डिएगो शहर के एक चिड़ियाघर का था, जिसमें जावेद हाथियों के सामने खड़े होकर उनके बारे में बातें कर रहे थे। वीडियो में जावेद हाथी के बारे में कहते हैं कि इसकी सूंड बहुत लंबी होती है।
देश-दुनिया के इतिहास में 23 अप्रैल की अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं:
2013: क्रिस गेल ने RCB के लिए खेलते हुए पुणे वॉरियर्स के खिलाफ 30 गेंदों में जड़ा था IPL इतिहास का सबसे तेज शतक।
2008ः म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सांग सू की को शीर्ष नागरिक सम्मान अमेरिकी कांग्रेस स्वर्ण पदक से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
2007ः रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस निकोलाइएविच येल्तसिन का निधन।
2002ः पेइचिंग में भारत और चीन के बीच सीमा पार आतंकवाद पर वार्ता।
1985ः कोल्ड ड्रिंक्स कंपनी कोकाकोला ने 99 साल बाजार में रहने के बाद एक नए फॉर्मूले के साथ नया कोक मार्केट में उतारा।
1984ः वैज्ञानिकों ने एड्स के वायरस के बारे में पता लगाया।
1908ः जर्मनी, डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन, हॉलैंड और फ्रांस के बीच उत्तरी अटलांटिक संगठन संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
1616ः अंग्रेजी साहित्य के महान कवि और नाटककार विलियम शेक्सपियर की मृत्यु।