बिहारभाषा-साहित्यराष्ट्रीय समाचारशिक्षासमस्तीपुरसमाचार
समस्तीपुर एसपी विनय तिवारी ने जिले वाशियों के लिए क्या सब लिखा है आप भी पढ़िए

युवाओं की असीम ऊर्जा, कृषि का विशाल स्वरूप, उद्यम की क्षमता, शिक्षा से सरोकार , सामाजिक सहिष्णुता, वैचारिक विविधता ये सब समस्तीपुर को नगरों और शहरों की श्रेणी में सबसे अलग कर देते हैं।
यदि समस्तीपुर के इन तमाम पक्षों को देखा जाए तो ऐसा लगता है यह धरती सुप्रसिद्ध होना चाहिए विभिन्न सकारात्मक कार्यों के लिए।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपनी उर्वरक मिट्टी के लिए, अपनी कृषि क्षेत्र में अनंत विकास के लिए, अपनी जलवायु के लिए।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपनी नदियों के लिए, बलान के लिए, बूढ़ी गंडक के लिए, बाया के लिए, नित नए प्रयोग करते किसानों के लिए। यहां के किसानों में, खेतों में एक अजीब सी दिव्य ऊर्जा का प्रवाह दिखता है। लोग प्रयोग करने के लिए लालायित हैं।।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपनी जिजीविषा के लिए, अपने युवाओं की ऊर्जा के लिए, अपने बुजुर्गों के आध्यात्मिक झुकाव के लिए, अपने समाज में फैली गहन चिंतनशीलता के लिए, अपने समाज की बौद्धिकता के लिए ना कि अपराधिक घटनाओं के लिए।
समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए लाल लाल लीची के लिए, पके हुए पीले आम के लिए। समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए अपने अनेक कवियों, लेखकों, गीतकारों के लिए ना कि जमीन विवाद में लड़ने झगड़ने के लिए। समस्तीपुर प्रसिद्ध होना चाहिए दलसिंहसराय के मसालों के लिए ना कि सामाजिक वैमनस्यता से बढ़ते फासलों के लिए। समस्तीपुर धरती है समाजवाद के जन्म की। महाकवि विद्यापति की आत्मा के परमात्मा में मिलने वाले क्षण से उत्पन्न एकात्म के दर्शन की। समस्तीपुर अनेकता में एकता के दर्शन कराता है।
सब तरह की विचारधाराएं एक साथ किसी समाज में प्रवाहित हो रहीं हों और साथ साथ रहते हुए शांति और सामंजस्य का बोध करा रहीं हों तो इससे अधिक सुंदर और क्या हो सकता है किसी जनपद के लिए। समस्तीपुर सब कुछ नकारात्मक पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। समाज में फैले क्लेश – द्वेष को त्याग कर हर हाथ दूसरे हाथ को पकड़ने का प्रयास कर रहा है। समस्तीपुर प्रगति के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ता रहे, यहां के युवाओं को आकाश भर मैदान मिले अपनी उड़ान भरने के लिए, सामाजिक सामंजस्यता में यह जिला पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाए।
समस्तीपुर की पृथ्वी में शांति हो। यहां के जल, थल, गगन में शांति हो। यहां के अंतरिक्ष में, अग्नि में, पवन में, औषधियों में, वनस्पतियों में, बागों में, खेतों में शांति हो। यहां के सभी निवासियों के जीवन में शांति हो।सभी के अपने अपने ईश्वरों में शांति हो। सब में शांति हो। चारों ओर शांति हो। समस्तीपुर के चर- अचर , जड़ -चेतन सभी अस्तित्व में शांति हो। समस्तीपुर के समस्त ब्रह्माण्ड में शांति हो। सर्वदा शांति हो, सर्वथा शांति हो।
सभी जन सुखी रहें, सभी स्वस्थ रहें
सभी का मंगल कल्याण हो, कोई भी दुख का भागी न हो।
सभी लोग प्रेरित हों, सभी लोग उत्सुक हों। सभी लोग सकारात्मक हों, सभी का जीवन उदीयमान होता रहे।
सभी प्राणियों का जीवन अक्षय हो, अनंत हो, अनश्वर हो, शाश्वत हो।