दयाल सिंह कॉलेज के ‘आंगन’ में गूंजी मैथिली कविता
Delhi: जहां वर्तमान युग की युवा पीढ़ी पर पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण करने का जोर-शोर से आरोप लगाया जाता है, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज की क्रिएटिव राइटिंग सोसाइटी ने एक साहित्यिक कार्यक्रम ‘आंगन’ का आयोजन कर संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली भाषा को बेहतर बनाने का प्रयास किया है।
काव्य सत्र मैथिली भाषा में आयोजित कर युवा पीढ़ी के बीच और मिथिला मैथिल के लिए अच्छा संदेश फैलाया। बता दे की “जानकी वंदना” और महिला सशक्तिकरण पर आधारित कविता ‘हम मैथिली छी सुनाई सोनी चौधरी ने सुनाई। कवि सम्मेलन में थे वरिष्ठ मैथिल कवि श्री धीरेंद्र कुमार झा धीरेंद्र, श्री मति सुधा ठाकुर, शिवानी ठाकुर एवं युवा ग़ज़लकार आशुतोष मिश्र अजल की मंचीय उपस्थिति आनंददायक रही।
वही आपको बता दे की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में स्थित इस प्रमुख कॉलेज के छात्रों के मैथिली प्रेम सभी कवियों, जनक, याज्ञवल्क्य, गौतम, अयाची, मंडन, जानकी, भारती, गार्गी और मैत्रेय जैसे विद्वानों और संतों को मैथिली में रचना करने के लिए विशेष रूप से आकर्षित किया। गेल की कविताओं की मधुरता ने युवा छात्रों को आनंद के सागर में डुबो दिया।
रितिक राज, निकिता सिंह, प्रशांत, अद्वैत आनंद, द्वियांश रघुवंशी, धनंजय शर्मा, साहिल सिद्धार्थ, आयुष, लक्ष्मी बिश्नोई, मिहिका, अंबिकेश द्विवेदी, आकाश केवट, आदित्य, अनुष्का, दीपिका अवस्थी, तूलिका, अनुराग, संस्कृति दवंडे, तथागत सिंह, धैर्य प्रताप, योगेश कुमार द्विवेदी, मियां उमर, लंकेश गौतम, आंचल झा समेत अन्य की सक्रिय भागीदारी रही.