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गायत्री महायज्ञ: धार्मिक उत्सव का उद्घाटन प्रमुख गोविंद कुमार ने किया

शिवाजीनगर प्रखंड प्रमुख डॉ गोविंद कुमार ने दीप प्रज्वलित कर एवं धर्म ध्वज फहरा कर, हरा झंडी दिखाकर शोभा कलश यात्रा को रवाना किया

धार्मिक उत्सव: समस्तीपुर जिला के अंदर, शिवाजीनगर प्रखंड के परसा पंचायत में स्थित सरहिला गाँव में, अखिल विश्व गायत्री परिवार शांति कुंज हरिद्वार के तत्वधान में “शिव मंदिर परिसर” में एक अद्वितीय आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव का उद्घाटन, शिवाजीनगर के गायत्री परिवार के नेतृत्व में मंगलवार को हुआ। यह पांच दिवसीय उत्सव श्री पावन प्रज्ञा पुराण कथा के साथ-साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ सम्पन्न होगा।

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कार्यक्रम की शुरुआत, प्रखंड प्रमुख डॉ गोविंद कुमार ने दीप प्रज्वलित कर धर्म ध्वज फहराया, हरा झंडी दिखाई और शोभा कलश यात्रा को रवाना किया। उनके नेतृत्व में रथ पर भारत माता की आकर्षक झांकी भी निकाली गई। इस अवसर पर कुंवारी कन्याएं और महिलाएं भी शोभा कलश यात्रा में उत्साह से भाग ले रही थीं।

उत्सव के दौरान, प्रखंड प्रमुख डॉ गोविंद कुमार और गांव के बुजुर्गों को पाग, चादर और माला समेत सम्मानित किया। या उत्सव शिवाजीनगर प्रखंड के सरहिला गाँव के शिव मंदिर के प्रांगण में आगामी 1 अप्रैल से 5 अप्रैल तक नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

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मुख्य ट्रस्टी शाह क्रामकंडी मीनाक्षी वर्मा ने इस मौके पर व्यक्त किया कि 2024 गायत्री महायज्ञ का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि 2024 से 2048 तक धरती पर सतयुग और स्वर्ग की अवतरण होगी। उन्होंने जो लोग गायत्री महामंत्र की साधना और आराधना में जुड़ेंगे, उन्हें गायत्री महामंत्र की रक्षा कवच प्राप्त होगी।

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प्रखंड प्रमुख डॉ गोविंद कुमार ने मनुष्यता की महत्वता पर जोर दिया, कहते हुए कि सद्गुण, सद्विचार, सदभावना, प्रेम, दया और करुणा मनुष्य के देवत्व का उदय कराते हैं। उन्होंने लोगों को धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए स्वागत किया और सभी को आमंत्रित किया।

उत्सव में मनोरमा दीदी, शिवाजीनगर प्रखंड प्रमुख डॉ गोविंद कुमार, समाजसेवी विद्या सागर मंडल, लात बाबु, विनोद कुमार सिंह, समिति सरोज कुमार, ललित कुमार, सुभाष कुमार, बालमुकुंद सिंह जैसे अन्य ग्रामीण सहित गायत्री परिजन उपस्थित थे।

इस धार्मिक उत्सव के द्वारा, लोगों को धार्मिकता के महत्व को समझाने का प्रयास किया गया और साथ ही साथ समाज के संघर्षों को भी हल करने का प्रयास किया गया। यह उत्सव समृद्धि, शांति और सद्भावना की भावना को बढ़ावा देता है और लोगों को एक साथ आने की प्रेरणा देता है।

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Gaam Ghar News Desk

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