“आईएएस डॉक्टर हीरालाल ने अपने पिताजी का मंदिर बनवाया”
"हर बेटे का कर्तव्य: पिता के सपनों को साकार करना - डॉक्टर हीरालाल"
उत्तर प्रदेश : बस्ती जनपद के बागडीह गांव में जन्मे आईएएस अफसर डॉक्टर हीरालाल ने अपने पिताजी का मंदिर बनबाने का कार्य किया है। डॉक्टर हीरालाल ने अपने पिता के तृतीय पुण्यतिथि पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी है। बस्ती जनपद में डॉक्टर हीरालाल के इस कार्य की सराहना पूरे जनपद के साथ-साथ पूरे प्रदेश में हो रही है। आपको बता दें की बस्ती जनपद के साऊघाट विकासखंड के अंतर्गत बागडीह गांव निवासी आईएएस डॉक्टर हीरालाल के पिता राम अजोर चौधरी का कोविड काल में निधन हो गया था। डॉक्टर हीरालाल ने अपने पिता की स्मृति में यह कार्य किया है, जो उनके परिवार और समाज के लिए एक गौरवशाली पल है। उनकी साहसिकता और सेवाभावना का प्रतीक है जो समाज को प्रेरित करता है।
हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
आईएएस डॉक्टर हीरालाल ने उनके निधन के बाद अपने पिताजी का मंदिर बनवाने का कार्य किया है। डॉक्टर हीरालाल द्वारा पिता के पुण्य तिथि पर शांति भोज कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। आईएएस डॉक्टर हीरालाल ने कहा कि मैंने अपने पिताजी के सपनों को साकार करने के लिए आईएएस बना हूं।
मेरे पिताजी पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट थे और उनका खेती, पशुपालन, और पेड़-पौधों के प्रति बहुत अधिक लगाव था। डॉक्टर हीरालाल ने आगे कहा कि माता-पिता की सेवा करना हर बेटे का कर्तव्य है, क्योंकि माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। माता-पिता अपने बच्चों के लिए भगवान होते हैं, और उन्हें भगवान मानकर ही हमने अपने पिता जी का मंदिर बनवाया है। उनकी प्रेरणा के प्रति हम श्रद्धा और सम्मान बनाए रखेंगे।
आईएएस डॉक्टर हीरालाल भावुक शब्दों में, उन्होंने व्यक्त किया कि शारीरिक रूप से पिताजी अब हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनके विचार हमें अभी भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने समाज को एक अद्भुत संदेश दिया है कि माता-पिता की सेवा एक पवित्र दायित्व है, जो हमें निरंतर सम्मान और ध्यान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।डॉक्टर हीरालाल ने गाम घर न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि आजकल समाज में बहुत से लोग अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते हैं, बल्कि उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए क्युकी ”मै समझाता हु कि माता-पिता ईश्वर के समान होते हैं और हमें उनकी सेवा और पूजा करनी चाहिए।”
उनके इस कार्य से, डॉक्टर हीरालाल ने समाज को एक बेहतर समझाने का माध्यम प्रदान किया है। आधुनिक समाज के लोग इस सीख से आत्मविश्वास और नेतृत्व का अनुभव करेंगे। डॉक्टर हीरालाल के इस उत्कृष्ट कार्य की सराहना समाज के विभिन्न क्षेत्रों से हो रही है। उनका यह प्रयास समाज में सामाजिक सद्भाव, प्रेम और सेवा की भावना को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस तरह के कार्य हमें समाज के मूल्यों की महत्वता को दोबारा समझने में मदद करते हैं और हमें अपने परिवार और समाज के प्रति उत्तरदायित्वपूर्ण बनाते हैं।