समस्तीपुर : समस्तीपुर और उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र की मतगणना कल 4 जून को समस्तीपुर कॉलेज में होगी। मतदान केंद्र पर 3 परतों में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है। पहली परत में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान होंगे। दूसरी परत में बीसैप या जिला बल के जवान और तीसरी परत में स्थानीय और जिला बल के जवान होंगे। जिला बल के जवान बाहरी परिसर में, बीसैप के जवान मतगणना केन्द्रों के प्रवेश द्वार पर होंगे। केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान मतगणना स्थल पर सुरक्षा की कमान संभालेंगे, जिसमें ईवीएम की सुरक्षा भी शामिल है।”
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“सभी जिलों को सोमवार को मतगणना कार्य के पूर्वाभ्यास के लिए निर्देश दिया गया है। राज्यस्तरीय नोडल पदाधिकारी एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने निर्देश जारी किया है, जिसमें चुनाव संबंधी महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखने का आदेश है।” मतगणना के प्रस्तुत दिन की सही तैयारी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला प्रशासन को अत्यधिक महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
3 जून को, मतगणना केंद्रों और उनके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा की सख्ती से ध्यान देने के लिए रिहर्सल का आयोजन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी तैयारियाँ पूर्ण हैं और कोई चूक नहीं हो रही है। इस रिहर्सल के दौरान, सुरक्षा, भीड़-नियंत्रण, और आपात स्थितियों का संज्ञान लेते हुए निर्देशकों को सुनिश्चित करना होगा कि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से काम कर रही हैं। इससे हम चूकों को पहचानेंगे और उन्हें तुरंत दूर करेंगे।
निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पूरा पालन करने के लिए, हर जिले को अपनी तैयारियों को दुगुना करने का आदेश दिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि मतगणना के दिन कोई भी चूक न हो, और चुनाव प्रक्रिया को संवैधानिक रूप से अविरल रखा जा सके। इस समय, हम सभी के स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इसलिए, सभी को इस रिहर्सल में सहयोग करने का आग्रह किया जाता है।
सभी मतगणना केंद्रों पर धारा-144 का प्रावधान लागू किया जाएगा, जिससे केंद्रों के बाहर और 200 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का हुजूम या जमघट नहीं होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि मतगणना केंद्रों में सुरक्षा की स्थिति बनी रहे और चुनाव प्रक्रिया संवैधानिक रूप से संचालित हो।
साथ ही, किसी उम्मीदवार के विजय के बाद कोई विजय जुलूस या मार्च नहीं निकाला जाएगा। विजय जुलूस के आयोजन के लिए निर्वाचन आयोग के मानदंडों का पूरा पालन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोई भी अनुचित घटना न हो और चुनाव प्रणाली की सार्थकता को बनाए रखा जा सके।