कोसी और गंडक बराज के सभी गेट खुले, उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा
नेपाल में भारी बारिश के बाद कोसी और गंडक बराज के सभी गेट खुले, उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा
Bihar Flood News : नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद कोसी और गंडक नदियों में जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे दोनों नदियों पर स्थित बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। यह कदम दशकों बाद उठाया गया है, जब इतनी बड़ी मात्रा में पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। कोसी बराज से 56 साल और गंडक के वाल्मीकिनगर बराज से 21 साल बाद सबसे अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। उत्तर बिहार के तटबंधों के पास रहने वाले लोगों को बाढ़ का खतरा देखते हुए पहले ही सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई थी। अब, हालात और गंभीर हो गए हैं, और इन नदियों के पास बसे लोग भयभीत हैं।
सुपौल से मिली जानकारी के अनुसार, कोसी बराज के सभी 56 गेट शनिवार को खोल दिए गए, क्योंकि नदी में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा था। सुबह 10 बजे 4.80 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया, और यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। नेपाल के बराह क्षेत्र में कोसी नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष मल्ल ने इस स्थिति के मद्देनजर वीरपुर और सुपौल के इंजीनियरों और जिला प्रशासन को पहले ही अलर्ट कर दिया था। इसके बाद सभी अधिकारी पूरी रात स्थिति पर नजर रखे हुए थे।
सुपौल, वीरपुर, और निर्मली अनुमंडल में प्रशासन और जल संसाधन विभाग के इंजीनियर लगातार तटबंधों की निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय जिला प्रशासन ने कोसी तटबंध के अंदर बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह पहले ही जारी कर दी थी। इसके साथ ही, डीएम कौशल कुमार ने तटबंध का निरीक्षण किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। बाढ़ आश्रय स्थलों की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें साफ-सफाई, पेयजल और बिजली की उचित व्यवस्था की जा रही है। तटबंध के अंदर रहने वालों के लिए नाव की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें। इसके साथ ही, माइकिंग कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
उधर, पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर में स्थित गंडक बराज के भी सभी 36 गेट शनिवार को खोल दिए गए। दोपहर 12 बजे तक गंडक बराज से 4.20 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया, और यह भी लगातार बढ़ता जा रहा है। गंडक नदी में पानी की अत्यधिक मात्रा बढ़ने से आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गौनाहा के पिपरिया गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है, जिससे स्थानीय निवासी काफी दहशत में हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और जल संसाधन विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। हालांकि, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।