बेगूसराय : बिहार के बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरपुर, कादरावाद में एक विवादास्पद घटना सामने आई है। सरकारी स्कूल के एक शिक्षक, जियाउद्दीन, पर आरोप है कि उन्होंने सांतवी कक्षा के बच्चों को पढ़ाया कि हनुमान जी (Hanuman ji) मुसलमान थे और नमाज पढ़ते थे। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने हनुमान जी से नमाज पढ़वाया था। इस विवादास्पद शिक्षा के सामने आने के बाद इलाके में भारी बवाल मच गया है।
शिक्षक की विवादास्पद शिक्षा से नाराजगी
स्कूल के बच्चों ने जब अपने परिवारों में इस बारे में जानकारी दी, तो ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। बच्चों ने बताया कि जियाउद्दीन मास्टर ने उन्हें सिखाया कि हनुमान जी मुस्लिम थे और वे नियमित रूप से नमाज अदा करते थे। इस पर बड़ी संख्या में नाराज ग्रामीण स्कूल पहुंच गए और वहां जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना था कि शिक्षक इस प्रकार की शिक्षा देकर समाज में धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
8 साल से पढ़ा रहे थे विवादास्पद बातें
जानकारी के मुताबिक, शिक्षक जियाउद्दीन पिछले 8 साल से इस स्कूल में पदस्थापित हैं और इस दौरान उन्होंने बच्चों को कई बार ऐसी बातें पढ़ाईं। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने भी यह स्वीकार किया कि उन्हें पहले से ही जियाउद्दीन की विवादास्पद शिक्षा के बारे में जानकारी थी। उन्होंने जियाउद्दीन को ऐसा करने से रोका भी था, लेकिन शिक्षक ने इस पर ध्यान नहीं दिया और अपनी शिक्षाओं को जारी रखा।
ग्रामीणों के विरोध के बाद माफी
घटना के बाद जब जियाउद्दीन स्कूल पहुंचे, तो नाराज ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। शिक्षक ने ग्रामीणों के सामने स्वीकार किया कि उन्होंने बच्चों को राम जी और हनुमान जी के बारे में इस तरह की शिक्षा दी थी, जो विवादास्पद थी। उन्होंने अपनी गलती के लिए माफी मांगी, लेकिन इस माफी से ग्रामीणों का आक्रोश शांत नहीं हुआ। ग्रामीणों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।
गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया
इस घटना की जानकारी मिलते ही बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भड़क उठे। उन्होंने जियाउद्दीन के बयान को बेहद आपत्तिजनक और समाज में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया। गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने और शिक्षक जियाउद्दीन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उनका कहना है कि इस प्रकार की शिक्षा बच्चों के मासूम दिमाग पर गलत प्रभाव डाल सकती है और इससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंच सकता है।
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि इस प्रकार की शिक्षाएं समाज में अराजकता और असंतोष फैलाने का काम करती हैं, इसलिए ऐसे शिक्षकों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बिहार सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस मामले की जांच कराएं और दोषी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। उनका मानना है कि अगर ऐसे मामलों पर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इससे सामाजिक शांति और सौहार्द को भारी खतरा हो सकता है।
इस पूरे मामले ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था और धार्मिक सौहार्द को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि इस घटना पर बिहार सरकार क्या कदम उठाती है और आरोपी शिक्षक पर क्या कार्रवाई होती है।