पटना में सीओ ने अस्पताल की जमीन पर कब्जा, DM ने FIR के आदेश दिए
पटना सिटी के क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की जमीन पर कब्जा: सीओ पर एफआईआर दर्ज, जिलाधिकारी का सख्त निर्देश
पटना : पटना सिटी के क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में बुधवार को एक अंचलाधिकारी (सीओ) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। यह निर्णय पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा संस्थान के निरीक्षण के दौरान लिया गया, जब संस्थान के निदेशक और डॉक्टरों ने सीओ पर बार-बार निर्माण कार्य में बाधा डालने और अस्पताल की जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत की।
निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों की शिकायत
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह बुधवार को पटना सिटी स्थित आयुष अस्पताल, नवाब मंजिल और क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां पर डॉक्टरों और संस्थान के निदेशक ने शिकायत की कि सीओ अस्पताल की जमीन पर चहारदीवारी बना चुके हैं और निर्माण कार्य में लगातार बाधा डाल रहे हैं। डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने सीओ को रोकने का प्रयास किया, तो सीओ ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया। सीओ द्वारा मरीजों और डॉक्टरों को उस रास्ते का इस्तेमाल करने से भी मना किया गया था, जो लंबे समय से अस्पताल के आने-जाने के लिए उपयोग में लाया जा रहा था।
जिलाधिकारी का सख्त रुख: एफआईआर और विभागीय कार्रवाई
शिकायत सुनने के बाद, डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने संबंधित सीओ के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि सीओ की इस हरकत के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की जाएगी। डीएम ने निर्देश दिया कि अस्पताल की जमीन और निर्माण में किसी भी प्रकार की बाधा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका
जिलाधिकारी ने इस मौके पर यह भी स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान एक महत्वपूर्ण सरकारी अस्पताल है, जहां यूनानी चिकित्सा पद्धति से इलाज होता है। इस संस्थान में अनुसंधान और अध्ययन का कार्य भी होता है, और परिसर में आयुष चिकित्सा का नया भवन लगभग तैयार है। उन्होंने संबंधित थाना प्रभारी और एसडीओ को निर्देश दिया कि अस्पताल के कामकाज में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो और निर्माण कार्य सुचारू रूप से जारी रहे।
जमीन की स्थिति की जांच
डीएम ने यह भी कहा कि अस्पताल की जमीन की स्थिति की पूरी तरह से जांच की जा रही है। यदि जमीन पर सीओ का निजी स्वामित्व साबित होता है, तो सरकारी प्रावधानों के अनुसार भू-अर्जन किया जाएगा और उचित मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, 40-50 वर्षों से जिस जमीन का इस्तेमाल रास्ते के तौर पर हो रहा है, उसे किसी भी स्थिति में बाधित नहीं होने दिया जाएगा।