भीम अखाड़ा में कुश्ती प्रतियोगिता, पहलवानों ने दिखाए शानदार दांव-पेंच
समस्तीपुर/विभूतिपुर: विभूतिपुर प्रखंड के कल्याणपुर स्थित ऐतिहासिक दैता पोखर भीम अखाड़ा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता मां दुर्गा पूजा समिति और कुश्ती कमेटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी। इस आयोजन में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पहलवानों ने भाग लिया और अपने कुश्ती कौशल का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का मन मोह लिया। प्रतियोगिता की अध्यक्षता पूर्व प्रमुख और कुश्ती कमेटी के अध्यक्ष रामनाथ राय ने की।
सलामी जोड़ी से हुआ शुभारंभ
कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ सलामी जोड़ी मिलाने की रस्म के साथ हुआ। महाथी दक्षिण पंचायत के मुखिया भोला शंकर दास ने सलामी जोड़ी को एक हजार रुपये देकर हाथ मिलवाया। सलामी जोड़ी के बीच कुश्ती का मुकाबला काफी रोमांचक रहा और अंततः यह मुकाबला बराबरी पर समाप्त हुआ। इस रस्म ने आयोजन की शुरुआत को विशेष बना दिया, जहां स्थानीय लोगों और दर्शकों की भीड़ ने पहलवानों की खेल भावना की सराहना की।
प्रतिभागी पहलवानों का दमदार प्रदर्शन
इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न हिस्सों से आए पहलवानों ने हिस्सा लिया और अपने दांव-पेंच का शानदार प्रदर्शन किया। इनमें प्रमुख रूप से असलम, राजू, नीतीश, पंकज, सुधीर, उत्तम, विक्की, सज्जू, कुणाल, भोला, रमेश और अन्य पहलवान शामिल थे। सभी पहलवानों ने अपने-अपने मुकाबलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश की और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। कुश्ती के मुकाबले इतने कड़े थे कि दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से अखाड़े को गूंजा दिया।
यहां क्लिक कर हमारे Youtube चैनेल से जुड़े
भीम अखाड़ा की ऐतिहासिकता
दैता पोखर स्थित भीम अखाड़ा समस्तीपुर जिले के लिए एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है। वर्षों से यहां कुश्ती के आयोजन होते आ रहे हैं, जो न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवानों को भी आकर्षित करता है। यहां आयोजित होने वाली कुश्ती प्रतियोगिता में लोग दूर-दूर से आकर कुश्ती के पारंपरिक खेल का आनंद लेते हैं। यह आयोजन गांव और जिले के युवाओं को भी प्रोत्साहित करता है, जिससे खेल के प्रति उनकी रुचि और खेल भावना को बल मिलता है।
समिति की भूमिका और आयोजन की सफलता
इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में मां दुर्गा पूजा समिति और कुश्ती कमेटी का विशेष योगदान रहा। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे रामनाथ राय ने कहा कि यह आयोजन हमारी परंपरा और संस्कृति को सहेजने का एक प्रयास है। उन्होंने कुश्ती को समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक बताते हुए इसके आयोजन की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी पहलवानों की सराहना की और उन्हें भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।
दर्शकों का उत्साह और जोश
तीन दिवसीय इस कुश्ती प्रतियोगिता में स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में दर्शक जुटे। दर्शकों ने पूरे उत्साह के साथ मुकाबलों का आनंद लिया और पहलवानों की हौसला-अफजाई की। आयोजन के दौरान दर्शकों का जोश देखने लायक था। इस तरह के आयोजनों से स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और लोगों में खेल के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है।
समाप्ति और समापन समारोह
तीन दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के समापन पर पहलवानों और आयोजकों को सम्मानित किया गया। आयोजन के अंत में विजेता और प्रतिभागी पहलवानों को पुरस्कृत किया गया और उन्हें उनकी मेहनत और खेल भावना के लिए सराहना दी गई। इस अवसर पर मुखिया भोला शंकर दास ने कहा कि ऐसे आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में खेल संस्कृति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आयोजन समिति और सभी सहयोगियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे, जिससे युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता ने न केवल खेल प्रेमियों को एक रोमांचक अनुभव दिया बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपरा को भी पुनर्जीवित किया। ऐतिहासिक दैता पोखर भीम अखाड़ा में आयोजित इस कुश्ती प्रतियोगिता ने दर्शकों और पहलवानों के बीच एक अद्वितीय संबंध स्थापित किया और खेल के प्रति जुनून को और बढ़ावा दिया।