Patna : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें 22 अहम एजेंडों पर मुहर लगी। इन निर्णयों से राज्य में प्रशासनिक, तकनीकी और विकास कार्यों को गति देने की योजना बनाई गई है। सबसे बड़ा फैसला बिहार पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस करने का है, जबकि अन्य फैसले में फार्मासिस्टों के सेवा शर्तों से लेकर जलाशय और पंप नहर योजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति शामिल है।
बिहार पुलिस को लैपटॉप और स्मार्टफोन से लैस किया जाएगा
कैबिनेट की बैठक में बिहार पुलिस के अनुसंधान अधिकारियों (Investigating Officers) को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। इसके तहत सभी IOs को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिए जाएंगे। इस योजना के लिए 190 करोड़ 63 लाख 20 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। सरकार का मानना है कि इससे पुलिस विभाग की जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और उन्हें बेहतर तरीके से मामलों की तफ्तीश करने में मदद मिलेगी।
बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग के लिए बड़ा निर्णय
कैबिनेट बैठक में फार्मासिस्टों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग के मूल कोटि के पदों पर नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों के निर्धारण के लिए “बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग संशोधन नियमावली 2024” के गठन की स्वीकृति दी गई है। इस मामले पर पटना उच्च न्यायालय में एक मामला भी लंबित है, लेकिन यह फैसला राज्य में फार्मासिस्टों के अधिकारों और सेवा शर्तों को लेकर स्पष्टता लाने का काम करेगा।
पैक्स चुनाव के लिए 18.64 करोड़ की मंजूरी
राज्य के पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी) चुनाव के लिए भी बैठक में फैसला लिया गया। बिहार निर्वाचन प्राधिकरण, पटना को राज्य के अधिकांश पैक्सों के चुनाव संचालन के लिए 18 करोड़ 64 लाख 3 हजार रुपये की आकस्मिक निधि से अग्रिम स्वीकृति दी गई है। इससे चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा।
डॉक्टर नादरा फातिमा सरकारी सेवा से बर्खास्त
कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई। सदर अस्पताल, बांका के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर नादरा फातिमा को अनाधिकृत अनुपस्थिति के कारण सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया। वहीं, डॉ. जनार्दन प्रसाद सुकुमार के बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें सेवा में पुनः बहाल करने की स्वीकृति दी गई है।
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कुंडघाट जलाशय योजना के लिए 270.31 करोड़ रुपये की स्वीकृति
बैठक में जल संसाधन विकास के लिए भी बड़े फैसले लिए गए। कुंडघाट जलाशय योजना के निर्माण के लिए 270.31 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस योजना से क्षेत्र में जल संचयन की क्षमता बढ़ेगी और कृषि व सिंचाई के कार्यों में सुधार होगा।
पंप नहर योजना के लिए लगभग 90 करोड़ रुपये की स्वीकृति
कर्म नाशा नदी पर पंप नहर योजना के निर्माण के लिए 89 करोड़ 94 लाख 86 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह योजना किसानों को सिंचाई के लिए बेहतर जल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी और क्षेत्र की कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देगी।
कोसी-मेची इंटरस्टेट लिंक परियोजना के लिए सर्वेक्षण की स्वीकृति
कैबिनेट ने कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना के फेज-2 के तहत सर्वेक्षण और विस्तृत योजना तैयार करने के लिए 14 करोड़ 16 लाख 31 हजार रुपये की स्वीकृति दी है। यह परियोजना बिहार के जल संसाधन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
बिहार कृषि सेवा के लिए पदों का सृजन और पुनर्गठन
कैबिनेट ने बिहार कृषि सेवा की ग्रुप ‘क’ और ‘ख’ श्रेणियों के अंतर्गत नए पदों के सृजन और पुनर्गठन की स्वीकृति भी दी है। इससे राज्य में कृषि क्षेत्र की योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रबंधन में सुधार आएगा।
बिहार खनिज संशोधन नियमावली 2024 की स्वीकृति
कैबिनेट ने बिहार खनिज संशोधन नियमावली 2024 की भी स्वीकृति दी है, जिससे राज्य में खनिज संसाधनों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ेगी। यह नियमावली खनिज दोहन और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करेगी।
तकनीकी सेवा आयोग के लिए 6 करोड़ रुपये की मंजूरी
बिहार तकनीकी सेवा आयोग को प्रतियोगी परीक्षाओं के निष्पादन के लिए 6 करोड़ रुपये की आकस्मिक निधि से अग्रिम स्वीकृति दी गई है। इससे आयोग को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को सुचारू रूप से आयोजित करने में सहायता मिलेगी।
कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए फैसले बिहार के प्रशासनिक ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। पुलिस विभाग में तकनीकी सुधार, जलाशय और सिंचाई परियोजनाएं, और चुनावी प्रक्रियाओं के लिए स्वीकृतियों से राज्य में विकास की गति तेज होने की उम्मीद है।