पटना : बिहार में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) के पदों पर बहाली में फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस घोटाले के मामले में सासाराम के डाक अधीक्षक राजीव रंजन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें 3 लाख 47 हजार रुपये नकद के साथ आरा रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया। सीबीआई की पटना यूनिट की विशेष टीम ने शनिवार शाम उन्हें एक बैग में भरे हुए पैसे के साथ गिरफ्तार किया।
सीबीआई को शिकायत मिली थी कि राजीव रंजन ने सासाराम क्षेत्र में डाक अधीक्षक के पद पर रहते हुए अवैध तरीके से पैसे लेकर जीडीएस की बहाली की है। उनके अधीन लगभग 20 डाकघर आते हैं, जहां उन्होंने पैसों के बदले में भर्ती करवाने का रैकेट चलाया। आरोपों की जांच के बाद जब सबूत सही पाए गए, तब सीबीआई ने कार्रवाई की।
जांच के अनुसार, डाक अधीक्षक हर हफ्ते के अंत में, खासकर शुक्रवार या शनिवार को, सासाराम से गाड़ी के जरिए आरा तक आते थे और फिर ट्रेन से पटना जाते थे। उनका घर पटना के राजीव नगर में स्थित है, जहां वे पैसे लेकर हर सप्ताह जाते थे। गिरफ्तार होने के बाद सीबीआई ने उन्हें हिरासत में लिया है और अब पूरे मामले की गहन जांच में जुट गई है।
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सीबीआई की टीम ने उनके घर की तलाशी लेने की संभावना भी जताई है। साथ ही, इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनकी भी गिरफ्तारी की जा सकती है। इस मामले ने बिहार के डाक विभाग में भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।