बिहार में दिवाली और छठ की छुट्टियों को लेकर विवाद गहरा गया है। इस बार स्कूलों में दिवाली और छठ के अवकाश में कटौती की गई है, जिससे शिक्षकों में रोष फैल गया है। शिक्षकों का कहना है कि हर साल दिवाली से लेकर छठ पूजा के पारण तक स्कूल बंद रहते थे, लेकिन इस बार 5 नवंबर को नहाय-खाय और 6 नवंबर को खरना के दिन भी स्कूल खुले रहेंगे। इससे शिक्षकों और उनके परिवारों की भावनाओं पर चोट पहुंची है, जो इस लोक आस्था के पर्व में पूरी तरह शामिल होना चाहते हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस नए अवकाश कैलेंडर के अनुसार, दीपावली के लिए केवल 31 अक्टूबर को एक दिन की छुट्टी दी गई है, जबकि छठ पर्व के लिए 7 से 9 नवंबर तक अवकाश रहेगा। इस फैसले पर आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश सरकार को घेरते हुए इसे लोक आस्था के खिलाफ बताया है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस पर सफाई दी है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सक्षम प्राधिकार से बातचीत चल रही है और शिक्षा विभाग को इस मामले का समाधान करने के लिए कहा गया है।
इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महागठबंधन पर निशाना साधा है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि वर्तमान छुट्टियों का कैलेंडर उस समय लागू हुआ था जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और आरजेडी सत्ता में साझेदार थी। उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं के कार्यकाल में छुट्टियों की संख्या में कटौती की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों के हित को ध्यान में रखते हुए यदि सुधार की गुंजाइश होगी तो उसे किया जाएगा।
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छठ पर्व के दौरान छुट्टियों में की गई इस कटौती को लेकर अब बिहार की राजनीति में गर्मा-गर्मी बढ़ गई है। महागठबंधन और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं, जबकि शिक्षक और अभिभावक जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।