पूर्णिया : पूर्णिया जिले में ट्रेन हादसे की एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई। मंगलवार देर रात रानीपतरा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर एक लोहे का सरिया (रॉड) रखा मिला, जिसके ऊपर से एक पैसेंजर ट्रेन गुजर रही थी। कटिहार से जोगबनी को जा रही डीएमयू ट्रेन संख्या 07561 जब वहां से गुजरी, तो ड्राइवर ने ट्रैक पर सरिया देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए, जिससे ट्रेन के पहिए में उलझा लोहे का सरिया और बड़ा हादसा टल गया। इस घटना के बाद रेलवे और स्थानीय पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
ट्रैक पर कैसे आया सरिया? जांच में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलने पर रानीपतरा स्टेशन के कर्मचारी, जीआरपी (Government Railway Police) के जवान और रेलवे के अन्य पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद ट्रेन के पहिए से सरिया को निकाला गया। पूर्णिया रेलवे जंक्शन के अधीक्षक मुन्ना कुमार ने बताया कि ट्रैक पर लगभग 10 मिलीमीटर मोटाई का एक पुराना सरिया मिला है। उन्होंने आशंका जताई कि यह सरिया किसी असामाजिक तत्व द्वारा जानबूझकर रखा गया हो सकता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि सरिया जानबूझकर रखा गया था या फिर गलती से ट्रैक पर आ गया।
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही पूरी जानकारी सामने आने की उम्मीद है। वहीं, रेलवे के अधिकारी भी इस घटना की जांच करेंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की किसी भी घटना को रोका जा सके।
ड्राइवर की सतर्कता से बची सैकड़ों यात्रियों की जान
ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ और सतर्कता के चलते एक बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन के अंदर सवार सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रुकने में सफलता पाई, जिससे सरिया के कारण ट्रेन के पहिए को और अधिक नुकसान नहीं हुआ। अगर समय पर ब्रेक नहीं लगाए जाते, तो ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना थी, जिससे एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
गया में भी हो चुकी है ऐसी घटना
पूर्णिया में हुए इस हादसे के कुछ ही दिनों पहले, बिहार के गया जिले में भी इसी तरह की घटना हुई थी। पटना-गया सेक्शन के बेला-चाकंद रेलवे स्टेशन के बीच पटना से हटिया जा रही एक ट्रेन के ट्रैक पर शरारती तत्वों ने कंक्रीट का स्लीपर रख दिया था। ड्राइवर ने सतर्कता बरतते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाए, जिससे ट्रेन हादसे से बच गई।
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ये घटनाएं बिहार में रेलवे सुरक्षा की चिंता बढ़ा रही हैं। ट्रैक पर असामाजिक तत्वों द्वारा रखी जाने वाली रुकावटें यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती हैं। रेलवे प्रशासन और स्थानीय पुलिस को ऐसे मामलों में अधिक सतर्कता बरतनी होगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत
पूर्णिया और गया की घटनाओं के बाद रेलवे प्रशासन पर सुरक्षा बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। यह सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है कि रेलवे ट्रैक की नियमित निगरानी हो और ऐसे असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए। पुलिस और रेलवे के संयुक्त प्रयास से ऐसी घटनाओं को समय रहते रोककर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन ड्राइवर की सतर्कता के कारण सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई। अब देखना होगा कि पुलिस और रेलवे की टीम इस घटना के पीछे की साजिश को उजागर कर पाती है या नहीं। रेलवे और प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण है कि ऐसी घटनाओं को फिर से होने से रोका जाए।