बक्सर : बिहार के बक्सर जिले के सिमरी थाना में शनिवार को एक युवक की पुलिस कस्टडी में मौ’त हो गई, जिसके बाद जिले में तनावपूर्ण स्थिति बन गई। युवक के पिता ने अपने शराबी बेटे को खुद पुलिस के हवाले किया था। लेकिन, कुछ घंटों बाद ही उसे मृ’त पाया गया। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। बक्सर के एसपी शुभम आर्य ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए सिमरी थानाध्यक्ष प्रफुल कुमार और ओडी प्रभारी सीता राम चौधरी को सस्पेंड कर दिया है। चौकीदार हरिकिशुन कुमार के खिलाफ भी सस्पेंशन की अनुशंसा की गई है।
पिता ने डायल-112 को दी थी सूचना, बेटे को किया था पुलिस के हवाले
घटना की शुरुआत शनिवार को हुई, जब युवक के पिता ने डायल-112 पर कॉल कर अपने शराब के नशे में धुत बेटे के बारे में जानकारी दी। पिता के शिकायत के बाद पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया और उसे चौकीदार की देखरेख में हाजत में रखा गया। परिजनों का आरोप है कि उन्हें पुलिस द्वारा बुलाकर थाने में लाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्होंने अपने बेटे की ला’श देखी।
बेल्ट से फंदा बनाकर युवक ने की आ’त्मह’त्या की कोशिश
पुलिस के अनुसार, युवक को शराब के नशे में थाने लाया गया था और उसे हाजत में रखा गया था। शाम 5 बजे के करीब युवक ने अपनी बेल्ट से फंदा बनाकर आत्मह’त्या की कोशिश की। पुलिस ने उसे फंदे से उतारकर सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया, जहां उसकी हालत गंभीर थी। स्थिति बिगड़ने पर युवक को ऑक्सीजन सपोर्ट पर बक्सर सदर अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृ’त घोषित कर दिया।
पुलिस की लापरवाही आई सामने, जांच जारी
इस घटना के बाद बक्सर एसपी शुभम आर्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में थाने के SHO और ओडी प्रभारी की लापरवाही सामने आई है। घटना की पूरी जांच डुमरांव एसडीपीओ आफाक अख्तर को सौंपी गई है। एसपी ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है और कहा कि नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। मृ’तक का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है और जांच के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
परिजनों का आरोप: जानकारी दिए बिना कराया पोस्टमार्टम
युवक की मौ’त के बाद उसके परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने रविवार को सिमरी थाना पहुंचकर हंगामा किया। मृ’तक के बड़े पापा तारकेश्वर प्रसाद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने युवक को अस्पताल ले जाने और पोस्टमार्टम कराने की जानकारी उन्हें नहीं दी। उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में बेटे की मौ’त के लिए पुलिस पूरी तरह जिम्मेदार है और वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम उनकी अनुमति के बिना कराया गया, जो कानून के विरुद्ध है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लोगों को शांत कराया
हंगामे के दौरान, सिमरी थाना परिसर में तनावपूर्ण माहौल बन गया था। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने स्थिति को संभाला और ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। सिमरी थाना प्रभारी उत्तम कुमार ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है और पोस्टमार्टम परिजनों की सहमति के बाद ही किया गया है।
पुलिस पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग
इस घटना ने पुलिस कस्टडी में मौ’त के मामलों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजन और स्थानीय लोग अब न्याय की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं, जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले में पूरी पारदर्शिता से जांच करेंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे।