Political News : बिहार विधानसभा की चार सीटों – बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ – पर उपचुनाव में विभिन्न दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, और जोर-शोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं। इसी बीच, जन सुराज के संयोजक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चुनौती देते हुए एक बड़ी शर्त रखी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर लालू यादव अपनी पार्टी का नेतृत्व किसी काबिल और योग्य व्यक्ति को सौंपते हैं, तो वे जन सुराज की पूरी टीम के साथ राजद का समर्थन करेंगे। उन्होंने बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में जन सुराज के उम्मीदवार मोहम्मद अमजद के समर्थन में प्रचार करते हुए यह बयान दिया।
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव हमेशा परिवार की राजनीति करते हैं और समाज के योग्य व्यक्ति को आगे नहीं बढ़ाते। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि लालू यादव किसी काबिल यादव को पार्टी का नेता बनाते हैं, तो वे खुद जन सुराज की टीम के साथ उनके पीछे चलने के लिए तैयार हैं। लेकिन प्रशांत का मानना है कि ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि लालू यादव केवल अपने परिवार और बच्चों की राजनीति में लगे रहते हैं।
जन सुराज के स्टार प्रचारक प्रशांत किशोर ने इस दौरान सांसद सुरेंद्र यादव पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र यादव और लालू यादव, यादव समाज के किसी योग्य व्यक्ति को विधायक या मुख्यमंत्री बनाने की बात नहीं करते, बल्कि केवल अपने परिवार के सदस्यों को ही आगे बढ़ाने की सोचते हैं। प्रशांत किशोर का यह बयान बेलागंज सीट पर राजद उम्मीदवार के चयन पर निशाना था। लालू यादव ने यहां सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ कुमार को टिकट दिया है, जबकि पहले से ही तेजस्वी यादव को पार्टी का नेता घोषित किया हुआ है।
प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय को लेकर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज अपने सच्चे रहनुमाओं को पहचान नहीं पाता। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब 2014 में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी का विरोध करते हुए भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था, तब मुस्लिम समुदाय ने उन्हें अपना नेता नहीं माना और राजद पर भरोसा किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 35 वर्षों में बिहार के मुस्लिम समुदाय का विकास नहीं हुआ है, और उनके बच्चे अब भी संघर्ष कर रहे हैं। उनकी तुलना एक ऐसे लालटेन से की जा सकती है, जो जलता तो है लेकिन उसके कारण केवल दूसरों को रोशनी मिलती है।
प्रशांत किशोर की इस बयानबाजी ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने राजद के खिलाफ परिवारवाद का मुद्दा उठाकर लालू यादव को कटघरे में खड़ा किया है और समाज के योग्य लोगों को आगे बढ़ाने की बात की है। अब देखना होगा कि राजद इस चुनौती पर क्या प्रतिक्रिया देती है और उपचुनावों में यह बयानबाजी किस प्रकार प्रभाव डालती है।