पटना : बिहार की राजकीय पक्षी गौरैया ”House sparrow” को फिर से घर-आंगन में लौटाने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना (एक्शन प्लान) शनिवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार को सौंपी गई। यह योजना पटना जू के तत्कालीन निदेशक और वर्तमान में वन संरक्षक, वन्यप्राणी अंचल, पटना के सत्यजीत कुमार के आग्रह पर गौरैयाविद संजय कुमार ने तैयार की है। कार्य योजना तैयार करने में इन्वायरनमेंट वॉरियर्स के निशांत रंजन, अमित पांडेय और दिग्विजय सिंह ने सहयोग दिया।’
गौरैया संरक्षण पहल को प्राथमिकता
इस अवसर पर वन संरक्षक सत्यजीत कुमार ने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार गौरैया संरक्षण के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने गौरैया के संरक्षण के लिए कार्य योजना बनवाने की पहल की ताकि यह प्यारा पक्षी जो घर-आंगन से गायब हो गया है, उसकी घर वापसी संभव हो सके। सत्यजीत कुमार ने कहा कि कार्य योजना को अंतिम रूप देने के बाद पहले चरण में इसे पटना में लागू किया जाएगा। इसके बाद, इसे राज्य के अन्य जिलों में विस्तारित किया जाएगा।’
कार्य योजना की मुख्य विशेषताएं
कार्य योजना बनाने वाले गौरैयाविद संजय कुमार ने बताया कि इसमें गौरैया की घर वापसी के हर पहलू को समेटा गया है। योजना में घर-घर दाना-पानी रखने, कृत्रिम घोंसले लगाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि गौरैया को वापस लाने के लिए थोड़ा प्यार और देखभाल भी जरूरी है।
सामाजिक सहभागिता पर बल
कार्य योजना का एक प्रमुख उद्देश्य समाज को इस अभियान से जोड़ना है। इसमें स्कूली बच्चों, स्थानीय निवासियों और स्वयंसेवी संगठनों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह अभियान न केवल गौरैया की वापसी सुनिश्चित करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक भी करेगा।
पहला चरण पटना से होगा शुरू
कार्य योजना को पहले पटना में लागू किया जाएगा। इसके बाद, अनुभव के आधार पर इसे अन्य जिलों में विस्तारित किया जाएगा। योजना में गौरैया के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने और उनके अनुकूल वातावरण तैयार करने की रणनीति शामिल है।
गौरैया की घर वापसी के इस प्रयास से न केवल बिहार में इस पक्षी की घटती संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नई उम्मीद भी पैदा करेगा।