पिता तोता, मां मैनी देवी, बेटे कौआ का आय प्रमाणपत्र आवेदन, प्रशासन हैरान
बिहार: पिता तोता सिंह, मां मैनी देवी, बेटे कौआ का आय प्रमाणपत्र आवेदन, प्रशासन हैरान
मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड में एक विचित्र और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आए एक ऑनलाइन आवेदन ने प्रशासनिक कर्मचारियों को हैरान कर दिया। आवेदन में आवेदक का नाम “कौआ सिंह” लिखा गया, जिसमें पिता का नाम “तोता सिंह” और माता का नाम “मैनी देवी” दर्ज था। आवेदन में जेंडर “पुरुष” बताया गया, और फोटो के स्थान पर एक कौआ की तस्वीर अपलोड की गई थी।
क्या है मामला?
यह घटना शुक्रवार को मुशहरी प्रखंड के आरटीपीएस (अंचल) कार्यालय में सामने आई। ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर आए इस अजीबोगरीब फॉर्म में आवेदक का पता “पुरानी बाजार, प्रधान डाकघर और थाना मुशहरी” दिया गया था। आवेदक ने मोबाइल नंबर 7254842398 और ईमेल आईडी aditipanday055@gmail.com दर्ज की थी। आरटीपीएस कर्मियों ने जब इस आवेदन को देखा तो उसे फर्जी समझते हुए तुरंत जांच शुरू की।
प्रशासन का कदम
आरटीपीएस कर्मियों ने नाम और संपर्क विवरण की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन नंबर काम नहीं कर रहा था। इसके बाद आवेदन को अंचल अधिकारी (सीओ) और राजस्व अधिकारी (आरओ) के निर्देश पर रिजेक्ट कर दिया गया।
ऑनलाइन सुविधा में फर्जीवाड़ा की कोशिश
बिहार सरकार ने सभी प्रकार के प्रमाणपत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी है। इस सुविधा का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से बचाना और प्रक्रिया को सरल बनाना है। हालांकि, इस तरह के फर्जी आवेदन से यह सवाल उठता है कि कुछ लोग इस प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।
आरटीपीएस कर्मियों ने बताया कि आवेदन में दी गई जानकारी और संलग्न फोटो बिल्कुल अविश्वसनीय थी। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस तरह के मामलों में जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
जनता में चर्चा का विषय
यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अजीबोगरीब घटना ने लोगों को हंसी और आश्चर्य के साथ-साथ ऑनलाइन सिस्टम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि प्रशासन ने फर्जी आवेदन को तुरंत खारिज कर अपनी सतर्कता का परिचय दिया है।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह दिखाया कि डिजिटल प्रणाली में सुधार की जितनी जरूरत है, उतना ही उसे सुरक्षित बनाने की भी आवश्यकता है। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे सख्त कदम उठाए जाएंगे। फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर ऑनलाइन प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकने की कोशिश की जाएगी।