बिहार की चार विधानसभा सीटों – रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज – पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई है। गया, कैमूर और भोजपुर जिलों में मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी, इसके बाद ईवीएम खोले जाएंगे। इन उपचुनावों में एनडीए और महागठबंधन के अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी चुनौती दी है।
रामगढ़ सीट: आरजेडी बनाम बीजेपी बनाम बसपा
कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह को मैदान में उतारा है। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अशोक सिंह को खड़ा किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए पूर्व विधायक अंबिका सिंह के भतीजे सुशील सिंह को टिकट दिया है। इसके अलावा, जन सुराज पार्टी से सुशील कुशवाहा ने भी अपनी किस्मत आजमाई है।
तरारी सीट: बाहुबली बनाम महागठबंधन
भोजपुर जिले की तरारी सीट पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां से बीजेपी ने बाहुबली सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ महागठबंधन ने सीपीआई माले के राजू यादव को मैदान में उतारा है। इस सीट पर मुस्लिम और पिछड़ी जातियों के वोट निर्णायक माने जा रहे हैं।
इमामगंज सीट: मांझी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर
गया जिले की इमामगंज सीट पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के टिकट से केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की बहू और बिहार के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने आरजेडी ने रौशन मांझी को उतारा है। यह सीट दलित वोटों के लिए जानी जाती है, और मांझी परिवार के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
बेलागंज सीट: दो बड़े राजनीतिक परिवारों की टक्कर
जहानाबाद जिले की बेलागंज सीट पर आरजेडी और जेडीयू के बीच सीधा मुकाबला है। यहां आरजेडी सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ सिंह को मैदान में उतारा गया है। उनके सामने जेडीयू ने मनोरमा देवी को टिकट दिया है। जन सुराज और एआईएमआईएम ने भी मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को रोचक बनाया है।
मतदान और चुनावी माहौल
13 नवंबर को इन चारों सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें 52 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा मतदान कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर 58 प्रतिशत हुआ, जबकि सबसे कम 50 प्रतिशत मतदान भोजपुर जिले की तरारी सीट पर दर्ज किया गया।
नतीजों पर टिकी नजर
इन चार सीटों के नतीजे बिहार की राजनीति में बड़ा असर डाल सकते हैं। एनडीए और महागठबंधन, दोनों के लिए यह चुनावी परीक्षा है। जन सुराज पार्टी और एआईएमआईएम जैसे नए दलों की भूमिका भी नतीजों को प्रभावित कर सकती है। अब सभी की निगाहें मतगणना के अंतिम परिणाम पर टिकी हैं।