संविधान: न्याय, स्वतंत्रता और समता का दीप – डॉ. एमपी सिंह
हरियाणा/फरीदाबाद : अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा सेक्टर-3 स्थित जाट भवन में संविधान दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और सुप्रसिद्ध शिक्षाविद्, समाजशास्त्री, और दार्शनिक प्रोफेसर डॉ. एमपी सिंह ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. हृदयेश कुमार और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।
संविधान दिवस का महत्व
डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न स्तरों पर संविधान दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। संविधान दिवस की शुरुआत 2015 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की गई थी, ताकि देश के नागरिक संवैधानिक मूल्यों को अपनाकर उन्हें आत्मसात कर सकें।
संविधान: नागरिक अधिकार और जिम्मेदारियों का आधार
डॉ. एमपी सिंह ने भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा लिखित दस्तावेज बताया और कहा कि यह भारत की आत्मा है। उन्होंने कहा, “संविधान देश का मार्गदर्शन करता है। यह न केवल नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है, बल्कि उनकी जिम्मेदारियां भी निर्धारित करता है। यह हर धर्म, जाति और समुदाय का सम्मान करता है और सभी को समानता का अधिकार देता है।”
उन्होंने कहा कि संविधान न्याय, स्वतंत्रता और समता जैसे मूलभूत सिद्धांतों का प्रतीक है। “यह हमें आज़ाद देश का गर्वित नागरिक होने का एहसास कराता है और समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देता है।”
संविधान सभा के योगदान को नमन
डॉ. हृदयेश कुमार ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने आधुनिक भारत की परिकल्पना की थी। “संविधान हमें अधिकार देने के साथ-साथ जिम्मेदारियों का भी एहसास कराता है। यह हर भारतीय के सपनों और देश की प्रगति का प्रतीक है।”
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे। रोजगार कार्यालय से डॉ. नेहा, डिजिटल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड से श्रीमती बरखा, पी इम्पो एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड से श्रीमती नीरा, ध्रुव ग्लोबल लिमिटेड से राकेश, सीएससी फरीदाबाद के फाउंडर वीएन जटवानी, एचएसबीपी से प्रेम प्रकाश, मां भगवती एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड से कपिल, शिवालिक डिजाइन से रजनीश, और आईटीआई से श्रीमती योगिता सिंह ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
संविधान: भारत की शान
डॉ. एमपी सिंह ने भारतीय संविधान को “भारत की आत्मा और शान” बताते हुए कहा कि यह हर भारतीय के सपनों का सम्मान करता है। उन्होंने संविधान को “विश्व का सबसे बड़ा लिखित ग्रंथ” बताते हुए कहा कि यह हर नागरिक को समान अधिकार देने के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता को बनाए रखता है।
कार्यक्रम का सफल आयोजन
कार्यक्रम के संयोजक ग्रुप इंस्ट्रक्टर नरेश कुमार ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। उपस्थित अतिथियों ने संविधान दिवस जैसे महत्वपूर्ण आयोजन के लिए ट्रस्ट और आयोजकों की सराहना की।
इस अवसर पर संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए इसे देश की प्रगति और समावेशिता का आधार बताया गया। कार्यक्रम ने समाज में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता फैलाने और न्याय, स्वतंत्रता, समता तथा भाईचारे के संदेश को मजबूत करने का कार्य किया।
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