डायबिटीज (मधुमेह ) क्या है? जानिए इससे बचाव और रोकथाम के उपाय
दुनियाभर में डायबिटीज़ एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्तमान में 42.2 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं, और यह आंकड़ा पिछले 40 वर्षों में चार गुना बढ़ गया है। डायबिटीज़ न केवल व्यक्ति की जीवनशैली को प्रभावित करती है, बल्कि हृदय रोग, अंधापन, किडनी फेल्योर, और यहां तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
इस लेख में, हम डायबिटीज़ के कारण, प्रकार, लक्षण, और इससे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
डायबिटीज़ क्या है?
डायबिटीज़ एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में ग्लूकोज (शुगर) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है, या कोशिकाएं इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाती हैं, तो यह स्थिति उत्पन्न होती है।
इंसुलिन एक हार्मोन है जो पैंक्रियाज़ (अग्न्याशय) से स्रावित होता है। यह हार्मोन शरीर की कोशिकाओं को रक्त में मौजूद ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। इंसुलिन की कमी या इसकी कार्यक्षमता में बाधा के कारण रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है, जो आगे चलकर कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है।
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डायबिटीज़ के प्रकार
डायबिटीज़ मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:
1. टाइप 1 डायबिटीज़
– यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें पैंक्रियाज़ इंसुलिन बनाना बंद कर देता है।
– आमतौर पर बच्चों और युवाओं में देखा जाता है।
– वैज्ञानिक अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि यह क्यों होता है, लेकिन इसे आनुवंशिकता और वायरल इन्फेक्शन से जोड़ा गया है।
2. टाइप 2 डायबिटीज़
– यह सबसे आम प्रकार है और तब होता है जब पैंक्रियाज़ पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता या कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक बन जाती हैं।
– अधिकतर वयस्कों में पाया जाता है, लेकिन अब यह युवा और बच्चों में भी देखा जा रहा है।
– मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, और अस्वास्थ्यकर खानपान इसके प्रमुख कारण हैं।
3. जेस्टेशनल डायबिटीज़
– यह गर्भावस्था के दौरान होता है जब महिलाओं का शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता।
– यह स्थिति अस्थायी होती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करने पर यह टाइप 2 डायबिटीज़ में बदल सकती है।
डायबिटीज़ के लक्षण
डायबिटीज़ के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
– अत्यधिक प्यास लगना
– बार-बार और अधिक मात्रा में पेशाब आना
– थकावट महसूस होना
– बिना प्रयास वज़न कम होना
– घावों का धीमे भरना
– दृष्टि धुंधली होना
– हाथ और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
टाइप 1 डायबिटीज़ के लक्षण अचानक और गंभीर हो सकते हैं, जबकि टाइप 2 डायबिटीज़ के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और अक्सर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं चलता।
डायबिटीज़ के खतरे
डायबिटीज़ अगर नियंत्रण में न हो तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है:
– हृदय रोग और स्ट्रोक: डायबिटीज़ हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
– किडनी फेल्योर: लंबे समय तक उच्च ब्लड शुगर स्तर किडनी को प्रभावित करता है।
– अंधापन: डायबिटीज़ आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे रेटिनोपैथी और अंधापन हो सकता है।
– पैरों में संक्रमण: रक्त प्रवाह में कमी और नसों को नुकसान पैरों के संक्रमण का कारण बन सकता है।
डायबिटीज़ से बचाव के उपाय
डायबिटीज़ से बचाव और नियंत्रण संभव है, बशर्ते आप अपनी जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करें।
1. संतुलित आहार अपनाएं
– प्रोसेस्ड फूड और चीनी युक्त पेय पदार्थों से बचें।
– साबुत अनाज, फल, सब्जियां, और दालों का सेवन करें।
– सेहतमंद वसा जैसे जैतून का तेल, नट्स, और मछलियों को आहार में शामिल करें।
2. नियमित व्यायाम करें
– हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज (जैसे तेज़ चलना, साइकिल चलाना) करें।
– योग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
3. वज़न को नियंत्रित रखें
– शरीर का स्वस्थ वज़न बनाए रखें।
– हर हफ्ते 0.5 से 1 किलोग्राम वजन कम करने का लक्ष्य रखें।
4. तनाव को कम करें
– ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
– अच्छी नींद लें और स्क्रीन टाइम को सीमित करें।
5. धूम्रपान और शराब से बचें
– धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन ब्लड शुगर को असंतुलित करता है।
डायबिटीज़ और जीवनशैली में बदलाव
डायबिटीज़ के प्रबंधन में जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान है। यदि आप इस बीमारी से पीड़ित हैं, तो निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
– ब्लड शुगर स्तर की नियमित जांच करें।
– डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं और इंसुलिन को समय पर लें।
– खानपान और व्यायाम के माध्यम से ग्लाइसेमिक इंडेक्स को नियंत्रित करें।
– सालाना आंखों और पैरों की जांच करवाएं।
विश्व में डायबिटीज़ का प्रभाव
1980 में 18 साल से अधिक उम्र के केवल 5% लोग डायबिटीज़ से पीड़ित थे, जबकि 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.5% हो गया। निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज़ फेडरेशन के अनुसार, 2045 तक दुनियाभर में 70 करोड़ लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
डायबिटीज़ एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय बीमारी है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम के माध्यम से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना और समय रहते कदम उठाना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, और डायबिटीज़ से बचने के लिए सही जीवनशैली अपनाएं।
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