जमुईबिहारशिक्षासमाचार

ज्वाइनिंग से एक दिन पहले रिटायर हुई शिक्षिका, अनोखा मामला आया सामने

ज्वाइनिंग की तारीख से एक दिन पहले ही हुआ रिटायरमेंट: बिहार में सामने आया अनोखा मामला

बिहार के जमुई जिले में एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शिक्षिका अनीता कुमारी को विशिष्ट शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र तो मिला, लेकिन ज्वाइनिंग करने से पहले ही उन्हें सेवानिवृत्त होना पड़ा। यह मामला शिक्षा विभाग की प्रक्रियाओं और शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े प्रशासनिक उलझनों को उजागर करता है।

रिटायरमेंट की तारीख से पहले मिला नियुक्ति पत्र

जमुई जिले के खैरा प्रखंड स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय, शोभाखान में पंचायत शिक्षिका के रूप में काम करने वाली अनीता कुमारी 31 दिसंबर 2024 को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो गईं। इससे ठीक एक दिन पहले, यानी 30 दिसंबर 2024 को उन्हें विशिष्ट शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र मिला था।

विशिष्ट शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिलने के बावजूद, अनीता को अपनी उम्र के कारण एक दिन पहले ही सेवानिवृत्त होना पड़ा। इस कारण वह विशिष्ट शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं नहीं दे पाईं।

यह भी पढ़ें  श्रम संसाधन मंत्री श्री जीवेश कुमार का एक बड़ा बयान

नियुक्ति पत्र को लेकर असमंजस

अनीता कुमारी ने अपनी स्थिति पर असमंजस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि वह यह समझ नहीं पा रही थीं कि नियुक्ति पत्र लेना उनके लिए उचित होगा या नहीं। 31 दिसंबर को उनकी उम्र 60 वर्ष हो चुकी थी, और नियमानुसार उस दिन वह सेवानिवृत्त हो गईं। ऐसे में विशिष्ट शिक्षक का दर्जा मिलने के बावजूद इसका कोई व्यावहारिक लाभ उन्हें नहीं मिला।

लंबे इंतजार के बाद मिला था दर्जा

अनीता ने बताया कि वह वर्ष 2006 से पंचायत शिक्षिका के रूप में कार्यरत थीं। मार्च 2014 में उन्होंने टीईटी (टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास करने के बाद हाई स्कूल में शिक्षिका के रूप में पढ़ाया। 2024 में उन्होंने सक्षमता वन की परीक्षा पास की और विशिष्ट शिक्षक बनने की पात्रता हासिल की। 30 दिसंबर 2024 को उन्हें विशिष्ट शिक्षक का नियुक्ति पत्र मिला, लेकिन 31 दिसंबर को रिटायरमेंट के कारण वह इस नई भूमिका में कार्य नहीं कर पाईं।

यह भी पढ़ें  हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी से मुलाकात कर शपथ ग्रहण समारोह का दिया न्योता

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा

पिछले वर्ष, बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 दिसंबर 2024 को यह घोषणा की थी, जिससे राज्य के लगभग पौने चार लाख शिक्षकों को स्थायी शिक्षक का दर्जा मिला। इस निर्णय के तहत सभी नियोजित शिक्षकों को सहायक शिक्षक की नई पहचान दी गई।

नियोजित शिक्षकों की स्थिति

नियोजित शिक्षक वे कर्मचारी हैं जो पंचायती राज और नगर निकाय संस्थानों के तहत प्राइमरी और हाई स्कूलों में पढ़ाते हैं। इन्हें 2006 में मान्यता मिली थी, लेकिन उनकी सेवा शर्तें राज्यकर्मियों से अलग थीं। अब राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद उन्हें समान अधिकार मिलने लगे हैं।

यह भी पढ़ें  जातीय जनगणना के विरोध में समता पार्टी - उदय मंडल

प्रक्रिया में खामियां उजागर

अनीता कुमारी का यह मामला शिक्षा विभाग की प्रक्रियाओं में खामियों की ओर इशारा करता है। जहां एक ओर शिक्षकों को बेहतर अवसर और अधिकार देने की पहल हो रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक देरी और असमंजस शिक्षकों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है।

यह मामला अन्य शिक्षकों के लिए भी एक सबक है कि उनकी सेवानिवृत्ति या पदोन्नति से जुड़ी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समयबद्धता होनी चाहिए।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Gaam Ghar’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM, X, Whatsapp Channel और Google News पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Gaam Ghar Desk

गाम घर डेस्क के साथ भारत और दुनिया भर से नवीनतम ब्रेकिंग न्यूज़ और विकास पर नज़र रखें। राजनीति, एंटरटेनमेंट और नीतियों से लेकर अर्थव्यवस्था और पर्यावरण तक, स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक मामलों तक, हमने आपको कवर किया है। Follow the latest breaking news and developments from India and around the world with 'Gaam Ghar' news desk. From politics , entertainment and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button