सड़क घोटाला उजागर करने पर पत्रकार की ह’त्या, श’व को टैंक में छुपाया
सड़क भ्रष्टाचार उजागर करने पर पत्रकार की ह’त्या, छत्तीसगढ़ में ठेकेदार ने सेप्टिक टैंक में श’व डालकर फ्लोरिंग करवाई.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर का श’व शुक्रवार को मिल गया है। मुकेश देशभर में नक्सल मामलों की पत्रकारिता का चर्चित नाम थे। वे एक जनवरी से लापता चल रहे थे। मगर दो दिन बाद शुक्रवार को एक ठेकेदार की कंस्ट्रक्शन कंपनी में बने सेप्टिक टैंक से पत्रकार मुकेश का श’व मिला है। मुकेश ने कुछ दिन पहले ही भ्रष्टाचार का खुलासा किया था।
पत्रकार की ह’त्या पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शोक जताया। उन्होंने कहा कि बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की ह’त्या का समाचार अत्यंत दु:खद और हृदयविदारक है। बता दें कि मुकेश ने टेकुलगुडेम में अगवा सीआरपीएफ जवान राकेश्वर मन्हास को छुड़वाने में सरकार और नक्सलियों के बीच अहम भूमिका निभाई थी।
श’व पर मिले कई निशान
शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे पुलिस ने श’व को सेप्टिक टैंक से बाहर निकाला। श’व पर 8-10 जगह निशान मिले हैं। यह कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश महासिचव सुरेश चंद्राकर की। छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि घटना में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, घटना के विरोध में शनिवार को पत्रकारों ने बीजापुर बंद का एलान भी किया है।
बेरहमी से की मुकेश की ह’त्या
श’व को देखकर यह साफ हो गया है कि पत्रकार की बेरहमी से ह’त्या की गई है। सिर के पीछे भी चोट के निशान मिले हें। ह’त्या के बाद श’व को सेप्टिक टैंक में फेंका गया। इसके बाद उसके ऊपर प्लोरिंग कर दी गई, ताकि इसकी भनक किसी को न लगे। शुक्रवार की शाम लगभग साढ़े चार बजे पुलिस ने सेप्टिक टैंक की फ्लोरिंग को तोड़ा। इसके बाद अंदर श’व दिखाई दिया।
परिवार को कांग्रेस नेता पर शक
घटना के बाद कांग्रेस नेता सुरेश और उसका छोटा भाई रीतेश चंद्राकर फरार है। उसकी थार गाड़ी को हैदराबाद से बरामद किया गया है। मुकेश के बड़े भाई युकेश भी पत्रकार हैं। उन्होंने बताया कि एक जनवरी की रात साढ़े आठ बजे तक मुकेश घर पर था। मगर देर रात कुछ लोग उसे बुलाने पहुंचे। इसके बाद से वह लापता था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। परिवार ने हत्याकांड के पीछे कांग्रेस नेता सुरेश के होने का शक जताया है।
मोबाइल लोकेशन से पहुंची पुलिस
परिवार की शिकायत पर बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव और अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक चंद्रकांत गोवर्ना के नेतृत्व में पुलिस की विशेष टीमों ने मामले की जांच की। एएसपी चंद्रकांत गोवर्ना के मुताबिक मुकेश के मोबाइल की आखिरी लोकेशन कांग्रेसी नेता के कंस्ट्रक्शन कंपनी में मिली। इसके बाद फोन बंद हो गया था। कांग्रेस नेता की यह कंपनी चट्टानपारा में स्थित है।
कौन हैं सुरेश?
कांग्रेस नेता सुरेश मूलरूप से बासागुड़ा का रहने वाला है। मगर सलवा जुड़ूम आंदोलन के बाद उसका परिवार बीजापुर में रहने लगा। यहां सुरेश ने ठेकेदारी का काम शुरू किया। देखते ही देखते वह बड़ा ठेकेदार बन गया। 2021 में हेलीकॉप्टर से बरात ले जाने पर वह चर्चा में आया था। यह बात भी सामने आ रही है कि मुकेश और सुरेश आपस में रिश्तेदार थे।
कांग्रेस नेता एवं ठेकेदार सुरेश ने कुछ दिन पहले ही गंगालूर रोड का निर्माण कराया था। मगर इसमें हुए भ्रष्टाचार को मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया था। मुकेश की रिपोर्ट के बाद ही प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की। कहा जा रहा है कि सुरेश इसी वजह से पत्रकार मुकेश से खफा था।
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