BPSC मामले में सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, पटना हाई कोर्ट जाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने BPSC मामले में सुनवाई से किया इनकार, पटना हाई कोर्ट जाने की सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह इस मामले को पटना हाई कोर्ट में प्रस्तुत करे। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि ऐसे मामलों में स्थानीय न्यायालय अधिक प्रभावी मंच होते हैं और सुप्रीम कोर्ट सीधे हस्तक्षेप करने के बजाय याचिकाकर्ता को अनुच्छेद 226 के तहत पटना हाई कोर्ट का रुख करने की सलाह देती है।
परीक्षा में कथित गड़बड़ियों का आरोप
याचिका में 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक, परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और व्यापक अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। याचिकाकर्ता के अनुसार, इन अनियमितताओं से हजारों छात्रों को नुकसान हुआ है, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठता है।
इस मामले में, याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि बिहार पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया। यह घटना मुख्य न्यायाधीश के आवास के पास हुई थी, जिसे लेकर उन्होंने तर्क दिया कि पटना हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान ले सकता था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह मामला पहले हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन शामिल थे, ने कहा कि वह छात्रों और प्रदर्शनकारियों की भावनाओं को समझती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट पहले स्तर पर इस मामले की सुनवाई के लिए उपयुक्त मंच नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच और निर्णय के लिए पटना हाई कोर्ट अधिक प्रभावी होगा।
बेंच ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय स्थानीय परिस्थितियों और तथ्यों को बेहतर ढंग से समझ सकता है और इस मामले में अधिक त्वरित और सटीक न्याय दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि याचिकाकर्ता को स्थानीय न्यायालय के समक्ष सभी आवश्यक मुद्दे उठाने की स्वतंत्रता होगी।
पटना हाई कोर्ट में उठेगा मामला
अब याचिकाकर्ता को अपनी शिकायतों के साथ पटना हाई कोर्ट का रुख करना होगा। वहां परीक्षा में कथित अनियमितताओं और पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की जांच की जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पटना हाई कोर्ट इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर सुन सकता है, ताकि छात्रों के भविष्य को प्रभावित करने वाले इस मुद्दे का समाधान जल्द निकाला जा सके।
छात्रों में नाराजगी
13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी परीक्षा को लेकर छात्रों और अभ्यर्थियों के बीच व्यापक नाराजगी देखी जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने इस मामले को और अधिक तूल दे दिया।
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट किया है कि बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पटना हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई से छात्रों को न्याय मिलने की उम्मीद की जा रही है।
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