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रामधारी सिंह दिनकर की ‘रश्मिरथी’ का भव्य मंचन नगर भवन, मधुबनी में संपन्न

मधुबनी : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) की कालजयी काव्य रचना ‘रश्मिरथी’ ‘Rashmirathi’ का भव्य मंचन गुरुवार देर शाम नगर भवन, मधुबनी में संपन्न हुआ। यह आयोजन बिहार सरकार द्वारा दिनकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे राज्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा था। मधुबनी में इस प्रस्तुति का आयोजन पुण्यार्क कला निकेतन, पटना के अनुभवी कलाकारों द्वारा किया गया, जिन्होंने दानवीर कर्ण के जीवन की घटनाओं को जीवंत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

दानवीर कर्ण के जीवन पर प्रकाश
रामधारी सिंह दिनकर की ‘रश्मिरथी’ महाभारत के प्रमुख पात्र कर्ण के जीवन पर आधारित है। यह रचना कर्ण के संघर्ष, उसकी वीरता, और उसकी दानशीलता का महिमामंडन करती है। इस काव्य नाटक के माध्यम से पुण्यार्क कला निकेतन के कलाकारों ने कर्ण के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रभावशाली ढंग से मंच पर प्रस्तुत किया। कलाकारों ने न केवल कर्ण की वीरता और बलिदान को उकेरा, बल्कि उसकी दानशीलता और समाज के प्रति उसकी निष्ठा को भी खूबसूरती से दिखाया।

कलाकारों का रहा सराहनीय प्रदर्शन
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि सभी कलाकारों द्वारा शानदार प्रदर्शन किया गया। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि कर्ण के जीवन से जुड़े मूल्यों और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर दिखाया गया, जिससे दर्शकों को जीवन में नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों की आवश्यकता को समझने का एक नया दृष्टिकोण मिला। उन्होंने कहा कि ‘रश्मिरथी’ के मंचन से कर्ण के जीवन संदेश पर विशेष प्रकाश डाला गया, जिसमें उसके द्वारा किए गए दान और संघर्षों का उल्लेख किया गया, जो वर्तमान समाज के लिए भी प्रेरणादायक है।

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आयोजन में स्थानीय कलाकारों का योगदान
इस आयोजन में मधुबनी के स्थानीय कलाकारों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। ईप्टा (इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन) मधुबनी के रणजीत, प्रभात कुमार और रमेश कुमार ने इस नाटक में सहयोग किया। उनकी भूमिकाओं ने प्रस्तुति को और अधिक प्रभावशाली और यादगार बना दिया। इन कलाकारों के योगदान ने यह साबित किया कि मधुबनी के स्थानीय कलाकार भी सांस्कृतिक और साहित्यिक मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।

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विषयिक उद्बोधन
कार्यक्रम में डॉ. अभिषेक कुमार द्वारा ‘रश्मिरथी’ और कर्ण के जीवन पर विषयिक उद्बोधन दिया गया। उन्होंने कर्ण के संघर्ष और उसकी दानशीलता के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। डॉ. अभिषेक ने बताया कि कैसे दिनकर जी की यह रचना सिर्फ एक महाकाव्य नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी देती है। उन्होंने कर्ण के जीवन के आदर्शों को समकालीन समाज से जोड़ते हुए उसकी प्रासंगिकता को समझाया।

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दर्शकों की प्रतिक्रियाएं
प्रस्तुति के दौरान नगर भवन खचाखच भरा रहा और दर्शकों ने कलाकारों के हर दृश्य पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। दर्शकों ने बताया कि ‘रश्मिरथी’ का मंचन उनके लिए एक अद्भुत अनुभव था, जिसने उन्हें न केवल कर्ण के जीवन से जुड़ी कई नई बातें सिखाईं, बल्कि दिनकर जी के साहित्यिक योगदान को भी समझने का अवसर दिया।

इस प्रकार, रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर ‘रश्मिरथी’ का यह मंचन मधुबनी के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक यादगार कार्यक्रम के रूप में दर्ज हुआ।

Gaam Ghar News Desk

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