समस्तीपुर: शहर से चार किलोमीटर पश्चिम स्थित रहमतपुर गांव में कार्तिक पूर्णिमा (गुरुनानक जयंती) के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने बूढ़ी गंडक नदी में गंगा स्नान किया। रहमतपुर घाट पर गंगा स्नान की परंपरा और यहां बहने वाली बूढ़ी गंडक की धारा को लेकर श्रद्धालुओं का गहरा विश्वास है। मान्यता है कि इस घाट पर बहती धारा साक्षात माता गंगा का निवास है, और कार्तिक पूर्णिमा पर यहां स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
कार्तिक पूर्णिमा के दिन रहमतपुर घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। स्थानीय निवासियों के साथ-साथ जिले के दूर-दराज के गांवों से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे। पौ फटते ही श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए कतारबद्ध दिखे।
33 वर्षों से जारी मेले की परंपरा
पिछले 33 वर्षों से रहमतपुर घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले की तैयारी दो दिन पहले से ही शुरू हो जाती है, और विभिन्न प्रकार की दुकानें सज जाती हैं। इस मेले में बच्चों के खिलौने, मिठाइयां, कपड़े, घरेलू सामान सहित अनेक प्रकार के स्टॉल लगते हैं। मनोरंजन के लिए झूले, कठपुतली नाच और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
आस्था का केंद्र बनता रहमतपुर घाट
हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। मेले की भव्यता और श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए स्थानीय लोगों का कहना है कि आने वाले समय में रहमतपुर घाट समस्तीपुर जिले के प्रमुख तीर्थस्थलों में शामिल हो सकता है। इस आयोजन ने स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है।
प्रशासन और स्थानीय सहयोग
इस विशाल आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए। घाट की साफ-सफाई, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। ग्रामीणों का सहयोग भी इस आयोजन को सफल बनाने में अहम रहा।
रहमतपुर घाट पर गंगा स्नान और मेले का यह अनोखा संगम न केवल स्थानीय लोगों बल्कि दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए भी एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव बन गया।