बिहार में एक बार फिर सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थित योजना की तस्वीर सामने आई है। ताजा मामला रोहतास जिले के सासाराम का है, जहाँ करगहर के फकली में एक यात्री शेड को सड़क किनारे बनाने की बजाय पानी के बीचों-बीच बना दिया गया है। इस निर्माण में लगभग 5 लाख रुपये की सरकारी राशि खर्च की गई है, और स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है। यह यात्री शेड, जो यात्रियों को सुविधा देने के लिए बनाया गया था, अब व्यर्थ साबित हो रहा है क्योंकि इसकी पहुंच पानी से घिरे क्षेत्र में है, जहाँ तक पहुंचना मुश्किल है।
इस यात्री शेड का निर्माण करगहर दक्षिणी की जिला परिषद सदस्य पूनम देवी की देखरेख में फकली मोड़ के पास कराया गया। सामान्यतः यात्री शेड को सड़क किनारे बनाया जाता है ताकि यात्रियों को आसानी से उपयोग में आ सके, लेकिन इस शेड का निर्माण सड़क से करीब 5 फीट नीचे गड्ढे में कराया गया है, जो पानी के निकास वाले बाहा के बीच स्थित है। इस क्षेत्र में पानी का बहाव होता है, जो खेतों की सिंचाई के लिए होता है। ऐसे में जब आसपास के खेतों के लिए नहर का पानी छोड़ा जाता है, तो शेड तक पहुंचना और भी मुश्किल हो जाता है। इस शेड के निर्माण से आम जनता का एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी स्थिति में इस शेड का उपयोग कैसे किया जाएगा।
इलाके के लोगों का कहना है कि यात्री शेड का निर्माण बिना किसी उचित योजना या स्थल निरीक्षण के किया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस शेड का निर्माण लगभग एक साल पहले 2022 की योजना के अंतर्गत शुरू किया गया था और इसे 2023 तक तैयार होना चाहिए था। अब इसे बनाकर तैयार तो कर दिया गया है और इसका रंग-रोगन भी हो चुका है, लेकिन इसके उद्देश्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार के पैसों का सही उपयोग नहीं किया गया, जिससे भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लग रहे हैं।
यात्री शेड के निर्माण की जगह और पहुंच को लेकर लोग नाराज हैं। यह शेड सड़क किनारे न बनाकर खेतों में पानी के बीच स्थित बाहा के गड्ढे में बना दिया गया है, जिससे यह यात्री सुविधा केंद्र के बजाय सरकारी पैसे की बर्बादी का प्रतीक बन गया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इसे उपयोग में लाने के लिए पुलिया का निर्माण किया जाएगा या फिर यह शेड ऐसे ही बेकार रहेगा।