समस्तीपुर : समस्तीपुर जिले के सभी सरकारी स्कूलों की पूरी जानकारी अब एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। इसके लिए सभी स्कूलों की ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (GIS) के माध्यम से मैपिंग की जा रही है। इस पहल के तहत जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों का नक्शा तैयार किया जाएगा, जिससे हर स्कूल की भौगोलिक स्थिति, सुविधाएं, और बुनियादी ढांचा ऑनलाइन उपलब्ध होगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य शिक्षा विभाग ने GIS मैपिंग के लिए तैयारी शुरू कर दी है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और बेहतर योजनाओं का निर्माण संभव होगा।
GIS मैपिंग से उपलब्ध होंगी ये सुविधाएं
इस मैपिंग के तहत स्कूलों का नक्शा तैयार किया जाएगा, जिसमें विद्यालय का स्थान, गांव और प्रखंड के विवरण के साथ ही स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी होगी। इसमें कक्षाओं की संख्या, स्कूल का क्षेत्रफल, पेयजल, शौचालय, खेल मैदान और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। इन जानकारियों का उपयोग केंद्र और राज्य सरकार दोनों द्वारा स्कूलों के विकास और सुधार के लिए किया जाएगा। GIS मैपिंग के जरिए शिक्षा विभाग और सरकारी एजेंसियां समय-समय पर इन मानचित्रों की जांच करेंगी, जिससे स्कूलों की स्थिति की निगरानी में सहायता मिलेगी।
केंद्र सरकार की वार्षिक कार्ययोजना का हिस्सा
केंद्र सरकार ने अपनी वार्षिक कार्ययोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 से सभी राज्यों के सरकारी स्कूलों की GIS मैपिंग को अनिवार्य कर दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 के अंतर्गत की जा रही इस मैपिंग का मुख्य उद्देश्य देशभर में साक्षरता स्तर की वास्तविक जानकारी हासिल करना है। इसके साथ ही, यह मैपिंग रोजगार के अवसर बढ़ाने और केंद्र की विभिन्न योजनाओं के निर्माण में भी सहायक होगी। GIS मैपिंग से स्कूलों की भौगोलिक स्थिति के साथ उनकी सड़क कनेक्टिविटी, निकटतम बिजली ग्रिड, और स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधारभूत ढांचे की मॉनिटरिंग
GIS मैपिंग के जरिए केंद्र सरकार को यह जानकारी भी मिल सकेगी कि किन स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है और कहां पर सुधार की आवश्यकता है। इससे केंद्र सरकार स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समावेशी कक्षा माहौल, बहुभाषी जरूरतों, और आधारभूत ढांचे के विकास की निगरानी कर सकेगी। इस प्रक्रिया के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा राज्य को दी जाने वाली सहायता का आकलन भी किया जाएगा।
ग्रामीण इलाकों के शैक्षिक विकास में मदद
समस्तीपुर समेत बिहार के अन्य जिलों में भी इस पहल के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की स्थिति और सुविधाओं की बेहतर जानकारी प्राप्त होगी। इससे उन इलाकों में शिक्षा की पहुंच में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने में मदद मिलेगी। GIS मैपिंग के माध्यम से स्थानीय प्रशासन उन स्कूलों की पहचान कर सकेगा जहां विकास की जरूरत है, और इसके आधार पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
GIS मैपिंग की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी विकास का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पारदर्शिता और बेहतर मॉनिटरिंग की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह राज्य और केंद्र सरकार को एक मजबूत डेटा बेस उपलब्ध कराकर नीतिगत निर्णय लेने में भी सहायक सिद्ध होगा।