बुजुर्ग को खड़े-खड़े रेलवे ने करवाया 1200 KM का सफर; देना होगा मुआवजा
दरभंगा से दिल्ली 1200 KM का सफर बुजुर्ग को खड़े-खड़े करवाया; रेलवे को देना होगा 1.96 लाख मुआवजा
Railway News: रेलवे की लापरवाही से 1200 किलोमीटर की अनियंत्रित यात्रा, उपभोक्ता अदालत ने मुआवजा के लिए रेलवे को दोषी मानते हुए आदेश दिया दरअसल यह मामला एक बुजुर्ग को रेलवे की लापरवाही भारी पड़ गई। सहूलियत से सफर के लिए एक महीने पहले उन्होंने टिकट आरक्षित कराई थी इसके बावजूद उन्हें करीब 1200 किलोमीटर की यात्रा खड़े होकर करनी पड़ी।
उद्योग सदन में स्थित उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की पीठ ने इस मामले में रेलवे पर जुर्माना लगाया। मुआवजा सहित शिकायतकर्ता को एक लाख 96 हजार रुपये का निर्देश दिया। आयोग ने उत्तराधिकारियों के सुरक्षित सफर का ध्यान दिया और उनके अधिकारों का पालन किया। यह निर्णय उन लोगों की संवेदनशीलता को मानते हुए लिया गया है जो सुविधाओं के साथ सफर करने का मकसद रखते हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि कन्फर्म टिकट के बावजूद बिना सीट के यात्रा करना उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन है और उनकी मुश्किलों का ध्यान रखना आवश्यक है।
पीठ ने इसे सरासर रेलवे अधिकारियों की सेवा में कोताही माना है। मुआवजा रकम में बुजुर्ग को हुई असुविधा के साथ-साथ मुकदमा खर्च भी शामिल है। मामले में सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से तर्क दिया गया कि बुजुर्ग ने 3 जनवरी 2008 को बिहार के दरभंगा से दिल्ली आने के लिए स्लीपर क्लास की एक टिकट बुक कराई थी। आयोग ने इसे बुजुर्ग के हक के अनुरूप ठहराया है और उन्हें उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
बुजुर्ग को यह यात्रा 19 फरवरी 2008 को करनी थी। “रेलवे ने इस बीच बुजुर्ग की सीट का अपग्रेडेशन कर उन्हें एसी कोच में एक सीट दी थी, लेकिन पीठ के सामने यह साबित करने में असफल रहा कि उन्होंने सीट अपग्रेडेशन की सूचना बुजुर्ग को दी गई थी।”
बुजुर्ग ने पीठ को यह विवाद सुनाया कि उन्हें सीट नंबर 69 मिली थी लेकिन उनके पहुँचने पर उनकी सीट पर कोई और व्यक्ति था। टीटीई ने उन्हें बताया कि उनकी सीट का अपग्रेडेशन हो चुका है और उन्हें बी 1 कोच की सीट नंबर 33 मिली है। लेकिन जब वह छपरा स्टेशन पर बी 1 कोच में पहुंचे उनकी पहुँच पर वह सीट भी किसी और को दी गई थी। इस पर उनका टीटीई के साथ विवाद हुआ। रेलवे की तरफ से यह तर्क था कि यात्री समय से सीट पर नहीं पहुँचे थे, इसलिए दूसरे यात्री को उनकी सीट दे दी गई थी।