“विदेशी पहलवानों का आगम: अर्जुन बाबू पशु मेला”
"अर्जुन बाबू पशु मेला: मील का पत्थर - रामसूरत राय"
- अर्जुन बाबू पशु मेला
Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर के हाट बाजार गरहां में हर साल आयोजित होने वाले अर्जुन बाबू पशु मेले की तैयारी इस बार भी जोरों पर है। यह पशु मेला 9 अप्रैल से आयोजित होने जा रहा है, और उसकी तैयारियों में लोग दिन-रात लगे हुए हैं। इस बार की खासियत यह है कि कोलकाता के कारीगर 12 फुट ऊंची सौ मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
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पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने इस मेले की तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा कि अर्जुन बाबू मेला आयोजन समिति ने इसे बेहद ध्यानपूर्वक आयोजित किया जा रहा है। इस मेले का इस बार एक महीने तक का समय निर्धारित किया गया है। इसमें ईरान, नेपाल, जॉर्जिया जैसे देशों के पहलवान भी भाग लेने आ रहे हैं। इस मेले में पशु प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश के कई राज्यों से कई नस्लों के घोड़े देखने को मिलेंगे। इस पशु मेले का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को बचाना है।
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इस पशु मेले में विभिन्न राज्यों के पशु व्यवसायी अपने अपने पशुओं के साथ आएंगे। यह मेला पशु प्रेमियों के बीच एक बड़ा माध्यम बनेगा जहां वे विभिन्न प्रजातियों के पशुओं को देख सकेंगे और उनकी देखभाल के लिए नवीनतम तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे समाज के इस अद्भुत पर्व के माध्यम से, हम सांस्कृतिक विरासत को संजोने और पशु प्रेम को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
आगे उन्यहोंने बताया कि यह पशु मेला हमें हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति संवेदनशील बनाता है और हमें पशुओं के साथ संवाद करने का एक अद्वितीय मौका प्रदान करता है। इस पशु मेले को सफल बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है, और हम सभी को मिलकर इसे एक सफल आयोजन बनाने का संकल्प लेना चाहिए। यह अर्जुन बाबू पशु मेला मील का पत्थर साबित होगा।
पूर्व मुखिया भरत राय, रामबाबू राय, हंसलाल राय, सुभाष यादव, शुब्रा यादव उर्फ एप्लु बाबू, पूर्व प्रमुख सुभद्रा देवी, पूर्व उपप्रमुख केदार सहनी, एहसान अहमद, सकलदीप ठाकुर, मिथिलेश कुमार, तारकेश्वर यादव, शिवाजी राय, राजेंद्र यादव जैसे नेता इस मेले के आयोजन में उत्साह से शामिल हैं।