Patna : बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को राजधानी पटना के 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास में प्रवेश किया। बंगले में शिफ्ट होने के साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर एक अहम बयान दिया, जिसने सियासी गलियारों में चर्चा का माहौल बना दिया है। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे दोबारा डिप्टी सीएम बनने की इच्छा रखते हैं, तो सम्राट ने हाथ जोड़कर कहा, “माफ कर दो भाई, दोबारा डिप्टी सीएम नहीं बनना है।” उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक जगत में अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
बंगले को लेकर चर्चाएं और सम्राट का जवाब
पटना के 5, देशरत्न मार्ग पर स्थित यह बंगला पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का सरकारी आवास था, जिसे अब सम्राट चौधरी को आवंटित किया गया है। बंगले में प्रवेश के दौरान जब पत्रकारों ने उनसे यह सवाल किया कि जो भी इस बंगले में आता है, उसका राजनीतिक करियर खतरे में पड़ जाता है, तो सम्राट का जवाब था, “नहीं बनना है भाई दोबारा डिप्टी सीएम… माफ करिए।” उनका यह बयान अब राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है, और इसके पीछे के संभावित कारणों को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं।
“पिता का घर ही मेरा असली घर”
अपने राजनीतिक भविष्य से संबंधित सवाल के बाद सम्राट चौधरी ने अपने परिवार और आवास को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें एक घर दिया है, जो भले ही छोटा है, लेकिन उसमें उनके माता-पिता के साथ रहने की खुशी है। उन्होंने साफ किया कि वे उसी घर को अपना असली आवास मानते हैं और नए सरकारी बंगले का इस्तेमाल केवल जनता के लिए और सरकारी कामकाज के लिए करेंगे।
सम्राट चौधरी का यह बयान उनके सादगी और परिवार से जुड़े होने का संकेत देता है, और इसे लेकर भी राजनीतिक पंडित अलग-अलग व्याख्याएं कर रहे हैं। उनके इस बयान के बाद से यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वे भविष्य में बिहार की राजनीति में कोई बड़ा कदम उठाने वाले हैं।
तेजस्वी यादव से जुड़ा विवाद
सम्राट चौधरी को जो सरकारी आवास आवंटित हुआ है, उसे लेकर हाल ही में एक विवाद भी सामने आया था। इससे पहले तेजस्वी यादव इस बंगले में रहते थे, और उनके द्वारा बंगला खाली करने के दौरान कुछ आरोप लगाए गए थे। सम्राट चौधरी के निजी सचिव और कुछ बीजेपी नेताओं ने तेजस्वी पर आरोप लगाया था कि बंगला खाली करते समय वे वहां लगे गमले, फर्नीचर, एसी, टोंटी समेत अन्य चीजें भी साथ ले गए। इस मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी थी। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।
इस विवाद के बीच, सम्राट चौधरी का बंगले में प्रवेश और उनके द्वारा दिया गया बयान सियासी माहौल को और गर्म कर रहा है। कई राजनीतिक विशेषज्ञ इसे उनके और तेजस्वी यादव के बीच चल रही राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे उनके भविष्य के राजनीतिक कदम के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
सम्राट चौधरी का राजनीतिक सफर और वर्तमान स्थिति
सम्राट चौधरी के राजनीतिक करियर की बात करें, तो बिहार की राजनीति में उनका कद काफी बड़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद, सम्राट चौधरी को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इससे पहले वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी का नेतृत्व कर चुके थे। डिप्टी सीएम बनने के बाद बीजेपी की प्रदेश कमान दिलीप जायसवाल को सौंप दी गई थी।
सम्राट चौधरी ने डिप्टी सीएम बनने के बाद अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए हैं और बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है। लेकिन उनके हालिया बयान ने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
सियासी प्रतिक्रियाएं और संभावनाएं
सम्राट चौधरी के बयान के बाद बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। उनके इस बयान पर राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्षी दल इसे उनके नेतृत्व की कमियों का संकेत मान रहे हैं, जबकि बीजेपी समर्थक इसे उनकी सादगी और पारिवारिक मूल्यों के प्रति निष्ठा के रूप में देख रहे हैं।
सम्राट चौधरी के इस बयान के बाद, राजनीतिक पंडितों के बीच यह चर्चा भी तेज हो गई है कि क्या वे भविष्य में बिहार की राजनीति में कोई बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं या फिर वे पार्टी में किसी अन्य जिम्मेदारी की ओर बढ़ सकते हैं। उनके इस बयान ने बिहार की राजनीतिक फिजा में एक नई हलचल पैदा कर दी है, और आने वाले दिनों में इसके असर को लेकर सभी की नजरें बनी रहेंगी।
सम्राट चौधरी का यह बयान और उनका नए सरकारी आवास में प्रवेश, बिहार की राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत कर सकता है, जिसे लेकर कयासों का दौर जारी है। अब देखना यह होगा कि उनके इस बयान का असर आने वाले चुनावी समीकरणों और उनकी भूमिका पर किस तरह पड़ता है।