आसरा गृह मौ’त: NHRC ने बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी
आसरा गृह मौ'त मामला: बिहार सरकार के मुख्य सचिव को NHRC का नोटिस, दो सप्ताह में मांगी रिपोर्ट.
पटना : पटना के पटेल नगर स्थित एक आसरा गृह में फूड प्वाइजनिंग से तीन लड़कियों की मौ’त के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने खुद से संज्ञान लिया है। आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। यह मामला मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर उदाहरण माना जा रहा है।
घटना का विवरण
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 7 से 11 नवंबर के बीच आसरा गृह में मानसिक रूप से बीमार और निराश्रित महिलाओं के लिए बनाए गए आश्रय में कई लड़कियां बीमार पड़ीं। भोजन करने के बाद लड़कियों को उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। इनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में भर्ती कराया गया, जहां तीन लड़कियों की मौ’त हो गई। यह आश्रय गृह बिहार सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय द्वारा वित्त पोषित बताया गया है।
मानवाधिकार उल्लंघन की ओर इशारा
NHRC ने कहा कि इस घटना से आश्रय गृह के प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। लड़कियों के स्वास्थ्य की उपेक्षा, अस्वच्छ परिस्थितियों में रहना, और भोजन बनाने में सफाई का ध्यान न रखना इस त्रासदी के मुख्य कारण माने जा रहे हैं। आयोग ने यह भी जानना चाहा है कि प्रशासन ने पीड़ितों या उनके परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया है या नहीं।
आश्रय गृह की बदहाल स्थिति
14 नवंबर 2024 को हुई जांच में अधिकारियों ने पाया कि आश्रय गृह में रहने वाले लोग अस्वच्छ परिस्थितियों में रह रहे थे। भोजन बनाने और रखरखाव में भी साफ-सफाई की गंभीर कमी थी।
आयोग की मांग
NHRC ने घटना की पूरी जानकारी, मृ’तकों और पीड़ितों की स्वास्थ्य स्थिति, प्रशासनिक लापरवाही, और मुआवजा संबंधित जानकारी मांगी है। आयोग ने सरकार से ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है।