मधुबनी: जिला के हरलाखी में भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 48 वीं वाहिनी अंतर्गत हरने कैंप के जवानों की सजगता से बाल मजदूरी के शिकार होते होत पांच बच्चे बच गये। तस्करों द्वारा सभी बच्चे को असम ले जाकर बेकरी फैक्ट्री में काम करवाने की योजना थी। दोनों तस्कर को बाल मजदूरी कराने के मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान हरलाखी थाना क्षेत्र हरने गॉव के निवासी हाशिम अंसारी का पुत्र नशीम हंसारी और दूसरा व्यक्ति हरने गॉव के निवासी अब्दुल रहमान अंसारी के पुत्र इरफान अंसारी के रूप में बताए गए है। एसएसबी जवानों ने पांच बच्चों व गिरफ्तार आरोपित को हरलाखी पुलिस के संरक्षण में दे दिया।
पुलिस इस मामले में चाइल्ड हेल्पलाइन के अधिकारीयों को बुलाकर मामले की बारीकी से जांच की। मिली जानकारी के मुताबिक भारत नेपाल बॉर्डर पर आरोपित व्यक्ति पांच बच्चों को लेकर नेपाल से हरने होते हुए असम ले जा रहा था। जहां एसएसबी के द्वारा जांच के क्रम में जवानों को शक हुआ और आरोपित को हिरासत में लेकर हरलाखी थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
इसके बाद चाइल्ड लाइन जयनगर की टीम थाने पहुंचकर पुलिस के साथ मामले की जांच की। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने बच्चों को असम में बेकरी फैक्ट्री में काम करवाने के लिए से नेपाल से असम ले जा रहा था। जबकि सरकार द्वारा जारी संवैधानिक नियमानुसार नाबालिग बच्चों से काम कराना दंडनीय अपराध है। जिसको लेकर पुलिस ने हरिने के एसएसबी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की। पुलिस ने मामले में संलिप्त दोनो आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
वही पांच बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन जयनगर के हवाले कर दिया गया। थानाध्यक्ष अनोज कुमार ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।वही चाइल्ड लाइन सब सेंटर जयनगर के टीम मेंबर सविता देवी ने बताई की नेपाल पुलिस और एसएसबी के समक्ष बच्चों को उनके अभिभावक को सुपुर्द कर दिया गया। इस मौके पर सामान्य निरीक्षक सुनील दत्त, चाइल्ड लाइव सब सेंटर के सदस्य सविता देवी,पप्पू कुमार एसएसबी के जवान सहित अन्य मौजूद थे।