विद्यापति महोत्सव में कल्पना पटवारी के सुरों पर झूमे श्रोता
समस्तीपुर : समस्तीपुर के विद्यापतिनगर में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति राजकीय महोत्सव के दूसरे दिन भोजपुरी की लोकप्रिय गायिका कल्पना पटवारी के सुरों ने समां बांध दिया। विद्यापतिधाम रेलवे मैदान में हजारों श्रोता उनके कर्णप्रिय गीतों पर झूम उठे। मंच पर आते ही कल्पना का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत हुआ। उन्होंने विद्यापति जी की रचनाओं से शुरुआत करते हुए “जय जय भैरवी असुर भयाउनी” और “ना हमसे भंगिया पिसाई ऐ गणेश के पापा” जैसे भक्ति गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को भक्ति भाव में डूबो दिया।
इसके बाद कल्पना ने अपने मशहूर भोजपुरी गीत “हम त नैहर के बानी रसीली की लोगवा पागल कहेला न” और “कौन दिशा में ले के चला रे बटोहिया” जैसे गीतों की प्रस्तुति दी, जिससे श्रोता झूमने पर मजबूर हो गए। उनके गीतों की सुर, लय और ताल ने पूरी महफिल में जोश भर दिया। “जान मारे मरून कलर साड़िया” और “झुमका झूलनियां” जैसे गीतों ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया और लोग देर रात तक तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साह बढ़ाते रहे।
जिला प्रशासन ने कल्पना पटवारी को पाग, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उनकी मखमली आवाज और सजीव प्रस्तुति ने महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या को जीवंत बना दिया, और श्रोताओं के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी।