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“भारत रत्न से सम्मानित: जननायक कर्पूरी ठाकुर”

जननायक: कर्पूरी ठाकुर गरीबों का सहारा; सादगी के प्रतीक थे

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  • Bharat Ratna Karpuri Thakur
फोटो साभार : दैनिक भास्कर

Bharat Ratna Karpuri Thakur: राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित 30 मार्च को समारोह में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर देश की 5 हस्तियों को भी इस उच्च सम्मान से नवाजा गया। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन शामिल हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर इस सम्मान के पात्र बनकर अत्यंत सम्मानित हैं। यह समारोह देशभर से लोगों के उत्साह और गर्व के साथ आयोजित किया गया, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों से लोग उपस्थित थे। इस उपलक्ष्य में, राष्ट्रपति ने उन सभी व्यक्तियों को विशेष सम्मान प्रदान किया जो अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ देश की उन्नति और विकास में योगदान किया हैं।

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भारतीय राजनीति के इतिहास में, जननायक कर्पूरी ठाकुर का नाम एक ऐसा नाम है जो लोगों के दिलों में अटल रूप से बसे हुए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाने पर बिहर के लोग में काफी ख़ुशी हैं। कर्पूरीग्राम में जन्मे, कर्पूरी ठाकुर ने गरीबी को नजदीक से देखा और उसे अपने जीवन का मुख्य ध्येय बनाया। उन्होंने बड़े ही सादगी और संवेदनशीलता से लोगों के बीच संपर्क किया। उनकी बातों में एक अद्वितीय संजीवनी होती थी, जिससे भीड़ उनके पास आ जाती थी।

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उनके भाषण सुनने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती थी। मुझे याद है, मेरी बुजुर्ग नानी मुझे कहती थीं कि जब वह छोटी थीं, तो कर्पूरी ठाकुर उनके घर भी आया करते थे। उनका मिलना बहुत सरल और संवेदनशील था। सेवानिवृत्त प्रोफेसर शिवाकांत पाठक कहते हैं कि कर्पूरी ठाकुर एक समाजवादी जननेता थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर में गरीबों के हित के लिए प्रयास किए। दरभंगा जिला स्थित एमएल एकेडमी स्कूल में उन्होंने द्वितीय राजभाषा के खिलाफ विरोध किया, परंतु उन्होंने इसका तनिक भी बुरा नहीं माना।

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उनके गांव के महेश्वर सिंह कहते हैं कि कर्पूरी ठाकुर उनसे बड़े थे। वे गांव में हर साल होली के दिन लोगों के बीच रह कर डंफा बजाते थे, चाहे वे कितने ही बड़े पद पर क्यों ना होते। कर्पूरी ठाकुर को राष्ट्रपति भवन में भारत रत्न से सम्मानित किया जाने पर पूरे भारत, बिहार सहित सभी लोगों में खुशी और गर्व है। उनका संघर्ष और समर्पण आज भी हमें प्रेरित करता है। उनके विचारों और कार्यों को याद करके, हमें उनके जैसे साहसी नेता की आवश्यकता है, जो समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

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Abhishek Anand

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