”महादेव का गोरखपुर” पुरातन से आधुनिक
महादेव की भक्ति में रंगे दिखे है रवि किशन : वैसे भी रवि किशन महादेव का भक्त है और सिनेमा में भी
Bhojpur Movie Reviews Mahadev Ka Gorakhpur : IMDB Critic Review Cast - Ravi Kishan, Pramod Pathak, Lal, Indu Thampy, Sushil Singh, Kiaan, Director - Rajesh Nair Producer - Salil Sankaran, Pritesh Shah, Runtime 131 minutes RATING 2/5 GAAM GHAR News
Entertainment / Bollywood Movie Reviews : वर्तमान समय में देश की राजनीति का बहुत ज्यादा असर फिल्म उद्योग में भी देखने को मिल रहा, अभी लगातार सनातन धर्म या हिंदू धर्म को लेकर फिल्में बन रही है इसी कड़ी में ”महादेव का गोरखपुर” (Mahadev Ka Gorakhpur) भी है । फिल्म में वॉइस ओवर के जरिए बताया गया है कि कैसे भारत भूमि का विस्तार हुआ और किस वजह से भगवान शिव इस भूमि पर अवतरित हुए और उनके प्रभाव से भारत विश्व गुरु बना ।
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फिल्म की कहानी 1525 से शुरू होती हैं जिस दिन शस्त्र पूजा हो रही होती है । आक्रमणकारी लाखों शिव भक्तों को मार डालता है लेकिन एक भक्त वीरभद्र शिवलिंग के साथ जलसमाधि ले लेता है और शिवलिंग को अपवित्र होने से बचाता है । फिल्म में वीरभद्र और प्रमुख पुजारी का पुनर्जन्म होता है । फिल्म में जादू-टोना के प्रभाव के साथ आतंकवाद के जरिए भी हिंदू धर्म पर प्रहार किया जाता है, लेकिन इसमें भी आतंकियों और अन्य धर्म के जादूगरों को नाकामी ही हाथ लगती है ।
फिल्म में मुख्य भूमिका में रविकिशन, प्रमोद पाठक, लाल, कियान, सुशील सिंह औरिंदी थंपी हैं फिल्म के सभी किरदारों ने अपने अपने किरदार को बहुत अच्छे से निभाया है । रविकिशन काफी चुस्त-दुरुस्त दिखे और अन्य कलाकारों ने भी अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ा है। फिल्म की शुरुआत अच्छी है और जिस रफ्तार में फिल्म शुरू होती है उसी रफ्तार में चलती है लेकिन फिल्म का क्लाइमेक्स जैसा होना चाहिए वैसा हुआ नहीं फिल्म निर्देशक राजेश नायर फिल्म को संभाल नहीं पाए, इसमें सबसे बड़ी कमी पटकथा लेखन की है।
पटकथा लेखक साईं नारायण लिखने में चूक गए फिल्म के क्लाइमेक्स के लिए आतंकियों द्वारा जितनी बड़ी तैयारी दिखाई गई और प्रशासन द्वारा उन्हें रोकने की जो तैयारी दिखाई गई वैसा कोई दिल दहला देनेवाली घटना आतंकियों द्वारा दिखाया ही नहीं गया । फिल्म ठीक ठाक है अगर पटकथा पर मेहनत हुई होती तो फिल्म बेहद शानदार होती अगर फिल्म संगीत की बात करें तो फिल्म संगीत पर दक्षिण भारतीय फिल्म संगीत का प्रभाव साफ-साफ झलकता है, फिल्म संगीत बहुत ज्यादा बढ़िया तो नहीं लेकिन औसत जरूर है ।
फिल्म में बेहतरीन एक्शन भी दिखाया गया है और एक्शन के मुताबिक सिनेमैटोग्राफी भी बढ़िया हुई है लेकिन फिल्म की पटकथा ही कमजोर थी तो कोई क्या कर सकता है । फिल्म के रेटिंग की बात करें तो फिल्म लगभग औसत है और फिल्म को 2 स्टार मिलने चाहिए। (This review is featured in IMDb Critics Reviews)