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बिहार: 7 सीटों पर उपचुनाव; 2 राज्यसभा सदस्य, 4 विधायक 1 MLC निर्वाचित

फोटो साभार समस्तीपुर टाउन

Patna : लोकसभा चुनाव के नतीजे के साथ ही, बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव का निर्धारण किया गया है। साथ ही, राज्यसभा की दो सीटों और विधान परिषद की एक सीट पर भी उपचुनाव होने का निर्णय लिया गया है। इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों से दर्जनभर विधायकों ने अपनी किस्मत आजमाई। राजद के टिकट पर सबसे अधिक विधायक चुनाव लड़े, हालांकि सभी को सफलता हाथ नहीं लगी। यह उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो उनके संगठन की स्थिरता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए यह उपचुनाव भारतीय लोकतंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।


राजद के दो विधायक लोकसभा के लिए चुने गए हैं। सुधाकर सिंह, जो रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हैं, बक्सर से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। इसके परिणामस्वरूप, रामगढ़ में उपचुनाव होने का निर्णय लिया गया है। बेलागंज के राजद विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने जहानाबाद से लोकसभा का चुनाव जीता है। इसके परिणामस्वरूप, बेलागंज में उपचुनाव होने का निर्णय लिया गया है। हम के संरक्षक व पूर्व उपमुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इमामगंज (सुरक्षित) के विधायक हैं, और इमामगंज से लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। इसके कारण, इमामगंज में उपचुनाव होने का निर्णय लिया गया है।

तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं, जिससे तरारी में उपचुनाव होने का निर्णय लिया गया है। राज्यसभा के दो सांसद भी लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इनमें राजद की डॉ. मीसा भारती और भाजपा के विवेक ठाकुर हैं। मीसा भारती वर्ष 2022 में दोबारा राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं, जिसका कार्यकाल 2028 तक है। वहीं, भाजपा के विवेक ठाकुर अप्रैल 2020 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे, जिनका अभी दो साल का कार्यकाल बचा है। इन दोनों सांसदों के बचे हुए कार्यकाल के लिए जल्द ही उपचुनाव होंगे।

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महागठबंधन के खेमे से कई और विधायक लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। गया से पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत चुनावी मैदान में थे, लेकिन वे जीतन राम मांझी से हार गए। सीवान से पूर्व विस अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी को जदयू की विजया लक्ष्मी देवी से हार का सामना करना पड़ा। उजियारपुर से पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता भाजपा के नित्यानंद राय से हार गए।

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ललित कुमार यादव दरभंगा में भाजपा के गोपाल जी ठाकुर और सुपौल में चंद्रहास चौपाल जदयू के दिलेश्वर कामैत से हार गए। जदयू की विधायकी छोड़ राजद के टिकट पर चुनाव लड़ी बीमा भारती को पूर्णिया में पप्पू यादव से हार का सामना करना पड़ा। भागलपुर से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के अजीत शर्मा को जदयू के अजय मंडल ने हरा दिया। नालंदा से भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ जदयू के कौशलेन्द्र कुमार से हार गए।

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विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी सीतामढ़ी से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। वे तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से 2020 में विधान पार्षद बने थे। बाद के दिनों में वे विधान परिषद के सभापति बने। इनका कार्यकाल नवम्बर 2026 तक है। इनके लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के कारण तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होगा। इसके अलावा, विधान परिषद को नए सभापति भी चुना जाएगा।

 

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