बिहार उपचुनाव: बिहार में चार सीटों पर उपचुनाव का प्रचार थमते ही नेताओं की बयानबाज़ी और तीखे हमले सुर्खियों में हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार दिखावे में तो महात्मा गांधी का नाम लेते हैं, लेकिन दिल में नाथूराम गोडसे को रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए नीतीश किसी से भी समझौता कर लेते हैं, चाहे वह उनके सिद्धांतों के खिलाफ ही क्यों न हो। तेजस्वी ने दावा किया कि महागठबंधन चारों सीटों पर जीत हासिल करेगा और कहा कि झारखंड में भी इंडिया अलायंस की जीत होगी।
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के हितों को दरकिनार किया है। वक्फ बोर्ड बिल के समर्थन के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश ने CAA और NRC का भी समर्थन किया, जो मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने आरएसएस और बीजेपी को बढ़ावा दिया है, जिससे बिहार में साम्प्रदायिक शक्तियों का प्रभाव बढ़ा है।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा नेता जनता के असली मुद्दों पर बात नहीं करते, जैसे कि शिक्षा, चिकित्सा, नौकरी, महंगाई, और गरीबी। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं की प्राथमिकता केवल हिन्दू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों पर आधारित होती है, जो समाज में विभाजन पैदा करती है। तेजस्वी ने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि अगर नेता बने हैं तो जनता की समस्याओं का समाधान करें और लोगों का जीवन बेहतर बनाएं।
महागठबंधन के चुनाव प्रचार अभियान में तेजस्वी ने खुद मोर्चा संभाल रखा था, जबकि अंतिम दिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बेलागंज में प्रचार किया। इस उपचुनाव में चार सीटों पर मुकाबला हो रहा है, जिनमें से तीन पर राजद और एक पर भाकपा (माले) के उम्मीदवार मैदान में हैं। तेजस्वी ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी इन सीटों पर महागठबंधन ने अच्छी बढ़त हासिल की थी और इस बार भी जनता का समर्थन उन्हें मिलेगा।
बिहार उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है, और सभी राजनीतिक दल अपनी जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। उपचुनाव के नतीजे आने पर यह साफ हो जाएगा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को चुना है या एनडीए को समर्थन दिया है।