बिहार किसान; GI टैग और SH कोड से बढ़ेगा अंतरराष्ट्रीय मखाना व्यापार
बिहार मखाना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: अंतरराष्ट्रीय बाजार में मखाने को पहचान दिलाने की तैयारी.
बेंगलुरु में 7-8 दिसंबर को आयोजित दो दिवसीय मखाना महोत्सव ने बिहार के मखाना किसानों के लिए नई उम्मीदें जगाईं। इस महोत्सव का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया। कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार के मखाने को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और किसानों के लिए नए अवसर पैदा करना था।
50 हजार किसानों को जोड़ेगी सरकार
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मखाना को जीआई (GI) टैग मिलने के बाद बिहार सरकार ने मखाना उत्पादन और प्रसंस्करण को और बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। इसके तहत राज्य सरकार 50 हजार नए किसानों को मखाना की खेती से जोड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने व्यापारियों और निर्यातकों से बिहार में मखाना प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने की अपील की। चौधरी ने बताया कि मखाना उद्योग में निवेश करने वालों को बिहार सरकार की प्रोत्साहन नीति के तहत व्यक्तिगत निवेशकों को 15% और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 25% तक की आर्थिक मदद दी जा रही है।
बिहार: मखाना उत्पादन में अग्रणी राज्य
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मखाना बिहार की एक विशिष्ट और महत्वपूर्ण फसल है। यह लाखों किसानों की आजीविका का स्रोत है और उत्तरी बिहार के जिलों में व्यापक स्तर पर इसकी खेती होती है। राज्य के दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, कटिहार और अररिया जिलों को मखाना उत्पाद के रूप में नामित किया गया है। पांडेय ने कहा कि मखाना की खेती के लिए राज्य की मिट्टी और जलवायु अत्यंत अनुकूल है। उन्होंने कहा, “मखाना के स्वास्थ्य लाभों और धार्मिक महत्व को देखते हुए इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।”
एचएस कोड और एमएसपी की मांग
मंगल पांडेय ने केंद्र सरकार से मखाना के लिए एचएस (Harmonized System) कोड की मांग की, जिससे मखाने के निर्यात को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के मखाना किसानों के हित में कई पहल कर रही है। इसके साथ ही, मखाना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मखाना बोर्ड की स्थापना की भी मांग की गई है।
मखाना विकास योजना का विस्तार
राज्य सरकार ने मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लिए 2019-20 में मखाना विकास योजना शुरू की थी। इसके तहत उन्नत बीजों के वितरण और क्षेत्र विस्तार के लिए अनुदान दिया जा रहा है। मखाने की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य सरकार किसानों को अधिक लाभ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बिहार मखाना को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाजार
महोत्सव के दौरान सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय ने व्यापारियों और निर्यातकों से बिहार के मखाने को ‘सुपरफूड’ के रूप में स्थापित करने के लिए सहयोग मांगा। प्रसंस्करण इकाइयों के विस्तार से न केवल मखाना की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि किसानों को भी उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
मखाना के बढ़ते अवसर
महोत्सव में 50 हजार किसानों को मखाना उत्पादन से जोड़ने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे बढ़ावा देने की योजनाएं चर्चा में रहीं। बिहार सरकार के इन प्रयासों से मखाना उद्योग में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
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