Patna : बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी स्कूलों के नाम से “हरिजन” शब्द हटाने का निर्णय लिया है। अब इन विद्यालयों के नाम में “अनुसूचित जाति” शब्द का उपयोग किया जाएगा। यह कदम जातिसूचक शब्दों को हटाकर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
शिक्षा विभाग का निर्देश:
बिहार के शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि पहले भी विभाग ने इस मुद्दे पर निर्देश जारी किए थे, लेकिन अब सरकार ने इसे सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ की शिकायत:
पिछले दिनों अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ ने सरकार से शिकायत की थी, जिसमें बताया गया था कि कई स्कूलों के नाम में अभी भी “हरिजन” शब्द का इस्तेमाल हो रहा है। इसके बाद, सरकार ने इस दिशा में तुरंत कदम उठाने का फैसला किया है। निदेशक ने साफ किया है कि सभी जिलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन स्कूलों के नाम में हरिजन शब्द जुड़ा है, वहां उसे हटाकर अनुसूचित जाति शब्द जोड़ा जाए।
विधान परिषद में उठा था मुद्दा:
यह मामला बिहार विधान परिषद में भी उठाया गया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने इस ओर पहल की थी। जून 2020 में भी सरकार ने आदेश जारी कर सभी जिलों को निर्देश दिए थे कि वे 15 दिनों के भीतर स्कूलों के नाम से हरिजन शब्द हटा दें और उसकी जगह अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल करें। लेकिन कई स्कूलों ने इस आदेश का पालन नहीं किया था, जिसके चलते अब सरकार ने फिर से सख्त निर्देश जारी किए हैं।
सकारात्मक सामाजिक बदलाव की पहल:
सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता को कम करना है। नीतीश सरकार का यह कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश देने और जातिवाद को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।