Patna : बिहार के सिमरिया और मोकामा के बीच गंगा नदी पर बन रहा पहला 6-लेन पुल जल्द ही प्रदेश के लोगों को राहत देने वाला है। यह पुल बेगूसराय और मोकामा को जोड़ते हुए राज्य के उत्तर और दक्षिण हिस्सों के बीच आवाजाही को तेज और सुगम बनाएगा। पुल का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और अब इसके अगले साल अप्रैल में चालू होने की संभावना है।
पुल निर्माण की वर्तमान स्थिति
पुल का कुल लंबाई 1.86 किमी है, जिसके दोनों तरफ 3015 मीटर लंबे 6-लेन और 3275 मीटर लंबे 4-लेन एप्रोच का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही एक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और दो रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) भी बनाए जा रहे हैं। आरओबी के लिए दो स्टील गर्डर की जरूरत है, जिनमें से एक का असेंबल हो चुका है और दूसरे की सामग्री साइट पर पहुंच चुकी है। दूसरा गर्डर भी जल्दी ही तैयार कर लिया जाएगा। आरयूबी में एक स्टील गर्डर और एक कंक्रीट बेस बॉक्स का निर्माण हो रहा है, जिनका एक-एक पार्ट तैयार है।
निर्माण कार्य में देरी के कारण
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने पहले पुल को दिसंबर 2023 में ही चालू करने की योजना बनाई थी, लेकिन पिछले दिनों बाढ़ के कारण निर्माण कार्य में रुकावट आ गई। इस वजह से कार्य धीमा हो गया और इसकी संभावित तिथि को बढ़ाकर अप्रैल 2024 कर दिया गया है। अब पुल के केवल आठ सेगमेंट रखने का कार्य बाकी है, और इसे पूरा होते ही पुल को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
मौजूदा राजेंद्र सेतु की समस्या
वर्तमान में मोकामा और बेगूसराय के बीच गंगा नदी पार करने के लिए लोग दो-लेन वाले राजेंद्र सेतु का इस्तेमाल करते हैं। इस पुल के एक हिस्से पर अक्सर मरम्मत का कार्य चलता रहता है, जिसके चलते केवल एक लेन से ही वाहनों की आवाजाही होती है। इस व्यवस्था के कारण पुल पर गाड़ियों का जाम आम बात हो गई है। कई बार लोगों को पुल पार करने में एक से दो घंटे का समय लग जाता है।
नए पुल के फायदे
छह लेन वाले इस पुल के चालू होने के बाद गंगा नदी पार करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। दोनों तरफ 13-13 मीटर चौड़ी तीन-तीन लेन की सड़कों के अलावा, डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ भी बनाए जा रहे हैं, जिससे पैदल यात्रियों के लिए भी सुविधा होगी। पुल पर वाहनों का तेज और सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में हो रहा सुधार
पुल के निर्माण में एक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और दो रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) के साथ-साथ 6 वेकल अंडरब्रिज (वीयूबी) का निर्माण भी शामिल है। हाथीदह जंक्शन के पास बन रहे आरओबी पर एनएच-31 एसएच-106 के ऊपर से गुजरेगा, जो इलाके की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा। इसके साथ ही औटा के पास दो जगहों पर भी रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण हो रहा है, जो मोकामा से बेगूसराय के बीच यातायात को सुगम बनाएगा।
बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका
बिहार में यह पहला 6-लेन पुल होगा, जो राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ा बदलाव लाएगा। यह पुल न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि जाम की समस्या से भी लोगों को मुक्ति दिलाएगा। उत्तर और दक्षिण बिहार के व्यापार और सामाजिक गतिविधियों को भी यह पुल बढ़ावा देगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इस पुल के चालू होने से मोकामा, बेगूसराय, और आसपास के इलाकों के लोगों को काफी राहत मिलेगी। यह परियोजना बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास का प्रतीक है, जो प्रदेश को आधुनिक परिवहन सुविधाओं से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।