Patna: बिहार की राजनीति में एक बार फिर सरकारी बंगले को लेकर सियासत गरमा गई है। पटना का 5 देश रत्न मार्ग स्थित बंगला, जो पहले बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आवंटित था, अब राज्य के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को आवंटित हो चुका है। बंगला खाली होने के बाद जब सम्राट चौधरी के सहयोगी वहां पहुंचे, तो उन्होंने बंगले की हालत पर तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए।
बीजेपी ने तेजस्वी पर लगाए आरोप
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के निजी सचिव और सहयोगियों ने आरोप लगाया कि बंगले से कई महत्वपूर्ण सामान गायब हैं। आरोपों के मुताबिक, तेजस्वी यादव और उनके लोग बंगले से सोफा, गमला और एयर कंडीशनर (एसी) जैसी चीजें लेकर चले गए। सम्राट चौधरी के निजी सचिव ने यह दावा किया कि इन सामानों को सरकारी संपत्ति से हटा लिया गया है और बंगले की हालत बेहद खराब कर दी गई है। यहां तक की गमलों को भी ठेला पर लादकर ले जाया गया।
बीजेपी के नेताओं ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि बंगले की दीवारों में भी तोड़फोड़ की गई है, ऑफिस का सामान भी क्षतिग्रस्त हालत में मिला है, और पूरे बंगले की स्थिति खराब हो चुकी है। बीजेपी की ओर से इन आरोपों को गंभीरता से उठाया गया है और इस मामले को राजनीतिक बहस का मुद्दा बनाया जा रहा है।
अखिलेश यादव से तुलना
बीजेपी नेताओं ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अपने सरकारी बंगले से टूटी खोलकर ले जाने का आरोप झेला था। अब बिहार में भी तेजस्वी यादव के ऊपर इसी तरह के आरोप लग रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए सम्राट चौधरी के सहयोगी शत्रुघ्न ने कहा, “यहां तो सोफा सेट, एसी और गमले तक लेकर चले गए।”
सम्राट चौधरी करेंगे विजयादशमी पर बंगले में प्रवेश
बता दें कि भवन निर्माण विभाग ने शनिवार को आधिकारिक रूप से यह बंगला सम्राट चौधरी को सौंप दिया है। सम्राट चौधरी विजयादशमी के अवसर पर इस बंगले में प्रवेश करेंगे। हालांकि, इससे पहले जब उनके सहयोगी वहां पहुंचे, तो बंगले की हालत देखकर नाराजगी जाहिर की गई और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप लगाए गए।
आरजेडी का पलटवार
बीजेपी के इन आरोपों पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने जोरदार पलटवार किया है। आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “इन लोगों के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्हें पता ही नहीं है कि सरकारी आवास को कैसे हैंडल किया जाता है। भवन निर्माण विभाग ने चार्ज लेने और देने से पहले पूरी लिस्ट तैयार की थी। इन लोगों के पास कोई ठोस आधार नहीं है। किसी भी छोटे नेता के आरोपों से हम पर कोई फर्क नहीं पड़ता।”
आरजेडी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह मामला भवन निर्माण विभाग से संबंधित है, और वही इस पर सवाल पूछने का अधिकार रखता है। “किसी भी चवन्नी छाप नेता को इस मामले में सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है,” शक्ति यादव ने तीखे अंदाज में कहा।
भवन निर्माण विभाग की भूमिका
आरजेडी प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी बंगला जब भी किसी अधिकारी या मंत्री को सौंपा जाता है, तो भवन निर्माण विभाग पहले से ही एक सूची तैयार करता है, जिसमें आवास के सभी सामान और उनकी स्थिति का ब्यौरा होता है। अगर इस मामले में कोई गड़बड़ी होती, तो भवन निर्माण विभाग उसे पहले ही उठा लेता। आरजेडी ने कहा कि इस तरह के आरोप बिना किसी ठोस सबूत के लगाए जा रहे हैं, और यह सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने का एक तरीका है।