ग़ज़ल
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ग़ज़ल : वो ख़ुदा हो जाएगा
जब किसी चहरे पे अपना दिल फ़िदा हो जाएगा । रस्म ए उल्फ़त में हमारी वो ख़ुदा हो जाएगा ।।…
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ग़ज़ल; मुकद्दर छीन लेता है
अमीरे शह्र चक्कर कुछ चलाकर छीन लेता है । गरीबों के यतीमों के मुकद्दर छीन लेता है ।। ज़रा मुस्कान…
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Ghazal; अपना दुख
अपना दुख ही पहचाना सा लगता है बाकी सब तो, अनजाना सा लगता है सच्चाई जीवन की, चाहे कुछ भी…
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Ghazal; चोट खाया हुआ
बेसबब आदमी का सताया हुआ सांप लौटेगा फिर चोट खाया हुआ लात घूंसो से भूखा शिकम भर गया हाथ से…
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नज़्म; फिर ना आओ तो कोई गम नही
आ जाओ मेरे पहलू में, आखरी बार ! फिर ना आओ तो कोई गम नहीं । समेट लूँ तेरे गजरे…
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मन चंचल
मन क्या चाहे कोई ना जाने मन की बाते मन ही जाने मन चाहे फूलो सा खिलना मन चाहे बगिया…
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वेवलाइन साहित्य श्रृंखला मे मैथिली साहित्यकार मुख्तार आलम ने किया कविता पाठ
सहरसा : साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा शुक्रवार को वेबलाइन साहित्य श्रृंखला में जिले के सिटानाबाद निवासी मैथिली साहित्यकार मो…
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हस्र पर मेरे मुंसिफ भी लाचार थे – अशोक ‘अश्क’
जुर्म कोई नहीं पर गुनहगार थे हस्र पर मेरे मुंसिफ भी लाचार थे बेख़बर खोई थी वो चकाचौंध में बोलियाँ…
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शम’अ बनकर तेरे पहलू में पिघल कर देखें – कविता सिंह “वफ़ा”
शम’अ बन कर तेरे पहलू में पिघल कर देखें ! कितनी आतिश है तेरे प्यार में जल कर देखें !!…
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ये वक्त ले गया गले से हार खींच कर – ग़ज़ाला तबस्सुम
वो दोस्ती की जां से हरिक तार खींच कर मेरा यक़ीन ले गया ग़द्दार खींच कर। दिन मोतियों से हाथ…
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