Samastipur : जलवायु परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है जिसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में महसूस हो रहा है, विशेष रूप से कृषि में। इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए, एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को गहराई से अध्ययन किया। इस कार्यशाला में कासा से श्रीमान संजय बशिष्ट और नकुल कुमार ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें वे जलवायु परिवर्तन के असरों को विस्तार से व्यक्त करते हैं।
हमारे व्हाट्सएप चैनल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
कार्यशाला में एफिकोर के प्रोग्राम डायरेक्टर श्री जीतू कुमार ने जलवायु में लचीलापन की महत्वपूर्णता पर अपने विचार रखे, जो कि कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यशाला में कटिहार से रत्नाकर नायक और उनकी टीम, कल्याणपुर से शिव शंकर और उनकी टीम, समरेंद्र नाथ और उनकी टीम, अमी और उनकी टीम, समेत अन्य अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने अपने अनुभव साझा किए। एफिकोर के जोनल मैनेजर श्रीमान सैमसन क्रिस्टियान भी उपस्थित रहे, जोनल अधिकारी तथा तीस डी एम सी के पदाधिकारी भी मौजूद थे।
गूगल न्यूज़ पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
साथ ही, एफिकोर के कार्यों की सराहना करते हुए आशा सेवा संस्थान के सचिव अमित कुमार वर्मा और एफिकोर के विश्वजीत कुमार ने समापन भी किया। इस कार्यशाला में बिहार एनजीओ संघ के सचिव अधिवक्ता संजय कुमार बबलू, भाजपा एनजीओ प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह, नमामि गंगे परियोजना के निर्जेश कुमार, ब्रज किशोर कुमार आदि कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने अपने संबोधन में भाग लिया।
एफिकोर हसनपुर कार्यकर्ता की विदाई समारोह भी सम्मान से संपन्न हुआ। इस प्रकार, यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण कदम है जो जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने और उनका समाधान ढूंढने में मदद करता है। यह एक सार्थक पहल है जो कृषि क्षेत्र में सुस्त गति को बढ़ावा देने के लिए एक सामर्थ्यवर्धक प्रयास है।